पटना. विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए भले ही विशेष सत्र बुलाई गई हो, लेकिन स्पीकर की कुर्सी से इस्तीफा देते देते विजय कुमार सिन्हा ने ऐसा दांव खेला कि नीतीश सरकार को आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक बुलानी पड़ी है. बताया जा रहा है कि अब से थोड़ी देर पहले हुई नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाते हुए 26 अगस्त तक कर दी गयी है. कैबिनेट ने एक एजेंडे पर मुहर लगा दी है.
बताया जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में स्पीकर के चुनाव को लेकर और विश्वास मत हासिल करने के लिए सत्र की अवधि 2 दिन बढ़ाई जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो परसो यानी 24 अगस्त को भी विधानसभा की बैठक आयोजित होगी, हालांकि पहले यह विशेष सत्र एक दिन के लिए बुलाया गया था. 24 अगस्त को आज बैठक में सारे एजेंडे पर चर्चा होनी थी, लेकिन स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने इस्तीफे का एलान करते हुए सदन को 2 बजे तक स्थगित कर दिया.
इतना ही नहीं उन्होंने सदन में विश्वासमत पर चर्चा के लिए 2 घंटे का समय भी निर्धारित कर दिया था. इसके बाद नीतीश सरकार के सामने यह बड़ी चुनौती थी कि वह विश्वास मत को लेकर सदन में कैसे विस्तार से चर्चा कराये, जिसके बाद आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है. 12:30 बजे कैबिनेट की बैठक में इस एजेंडे पर मुहर लगाई जाएगी.
स्पीकर की कुर्सी से विजय कुमार सिन्हा के इस्तीफे के बाद अब डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी को कमान सौंप दी गई है. महेश्वर हजारी को सदन चलाने की जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि विजय कुमार सिन्हा ने इस्तीफे के पहले अभ्यासी सदस्य के तौर पर सदन संचालन की जिम्मेदारी नरेंद्र नारायण यादव के कंधे पर दी थी. इस बात पर संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में एतराज भी जताया था. सरकार की इस बात को लेकर की कि डिप्टी स्पीकर होने के बावजूद भी सदस्य की घोषणा की जा रही है.
संसदीय कार्यमंत्री यह सरकार जब तक इस बात को समझ पाती कि विजय कुमार सिन्हा सदन को 2 बजे तक स्थगित कर रहे हैं, तब तक स्पीकर की कुर्सी पर बैठे बैठे विजय कुमार सिन्हा ने 2 तक का विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी. हालांकि बाद में तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के साथ महेश्वर हजारी के पास पहुंचे और डिप्टी स्पीकर को अगले स्पीकर के चुनाव तक सदन के संचालन के लिए जिम्मेदारी दिलवाई गई. इस मौके पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने महेश्वर हजारी को बधाई दी है. विजय कुमार सिन्हा ने कह दिया है कि पार्टी के सिपाही होने के नाते नेतृत्व उनके लिए जो भूमिका तय करेगा वह उस भूमिका का पालन करेंगे.