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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का सरकार पर वार, बोले- वक्त पर नहीं लिए जा रहे निर्णय

पिछले सप्ताह भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में नितिन गडकरी को चुनाव समिति के साथ ही बोर्ड के सभी पदों से बाहर कर दिया गया. हालांकि, नितिन गडकरी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उन्हें भारतीय राजनीति में भाजपा के उदारवादी नेताओं के रूप में जाना जाता है.

नई दिल्ली : सीधे-सादे अंदाज में जनता के सामने अपनी बात बेबाकी से रखने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जाने-अनजाने में अपनी ही सरकार पर हमला कर दिया है. अंग्रेजी की वेबसाइट एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार समय पर निर्णय नहीं ले रही है और यह एक सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि आप चमत्कार कर सकते हैं और इसके लिए आपके पास क्षमता भी है.

भारत में बुनियादी ढांचे का भविष्य उज्ज्वल

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा, ‘मेरा सुझाव है कि भारत में बुनियादी ढांचे का भविष्य बहुत उज्ज्वल है. हमें दुनिया और देश में अच्छी तकनीक, अच्छे नवाचार, अच्छे शोध और सफल प्रथाओं को स्वीकार करने की जरूरत है. हमारे पास वैकल्पिक सामग्री होनी चाहिए, जिससे हम गुणवत्ता से समझौता किए बिना लागत कम कर सकें. उन्होंने कहा कि निर्माण में समय सबसे महत्वपूर्ण चीज है. समय सबसे बड़ी पूंजी है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार समय पर निर्णय नहीं ले रही है.’ मुंबई में एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर्स द्वारा आयोजित नैटकॉन 2022 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि समय प्रौद्योगिकी या संसाधनों से अधिक महत्वपूर्ण है.

गडकरी के बयान पर क्या कह रहे हैं भाजपा के नेता

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान और कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी में कोई मेल नहीं खाता. अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री मोदी ने अमृत काल या स्वर्ण युग में बड़े मील के पत्थर पार करने में उनकी सरकार की सफलता को उजागर किया है. हालांकि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान के बाद भाजपा के नेताओं का कहना है कि गडकरी के द्वारा कही गई बातें किसी केंद्र सरकार के लिए नहीं है, बल्कि यह राज्य सरकारों के लिए भी है.

भाजपा ने गडकरी को संसदीय बोर्ड से किया बाहर

बता दें कि पिछले सप्ताह भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में नितिन गडकरी को चुनाव समिति के साथ ही बोर्ड के सभी पदों से बाहर कर दिया गया. हालांकि, नितिन गडकरी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उन्हें भारतीय राजनीति में भाजपा के उदारवादी नेताओं के रूप में जाना जाता है. वे बेबाकी से कोई भी बात जनता या सरकार के सामने रखने वाले बताए जाते हैं. इतना ही नहीं, गडकरी पार्टी के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के करीबी हैं और अतीत में अक्सर खुद पर कटाक्ष भी करते रहे हैं. ऐसे में, भाजपा संसदीय बोर्ड से उन्हें बाहर किया जाना किसी चौंकाने वाला कदम से कम नहीं है.

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गडकरी ने राजनीति को बताया पावरप्ले का परिचायक

अभी हाल ही में नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज की राजनीति को ‘पावरप्ले का परिचायक’ बताया था. इसके साथ ही, उन्होंने कई बार राजनीति छोड़ने के बारे में भी चर्चा की है. सरकार के निर्णय लेने में देरी पर टिप्पणी करने के कुछ घंटे बाद गडकरी ने नागपुर में कहा कि भाजपा की सत्ता में आने का श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और दीनदयाल उपाध्याय को दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मैं वहां मौजूद था, जब अटल जी भाषण दे रहे थे. उस भाषण को सुनने वाले सभी को विश्वास था कि ऐसा दिन आएगा. अटल जी, आडवाणी जी, दीनदयाल उपाध्याय समेत कई कार्यकर्ताओं ने ऐसा काम किया कि आज हम देश और कई राज्यों में पीएम मोदी के नेतृत्व में सत्ता में हैं.

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