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बिहार में पहली से 8वीं तक के 67 लाख बच्चे रोजाना नहीं आते हैं स्कूल, मिड डे मील की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

चालू शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के 67,50,945 नामांकित विद्यार्थी रोज स्कूल नहीं आ रहे हैं. दरअसल, प्रदेश में इन दिनों औसतन रोजाना 1.12 करोड़ (1,12,20,501) विद्यार्थी ही मध्याह्न भोजन खा रहे हैं.

राजदेव पांडेय, पटना. चालू शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के 67,50,945 नामांकित विद्यार्थी रोज स्कूल नहीं आ रहे हैं. दरअसल, प्रदेश में इन दिनों औसतन रोजाना 1.12 करोड़ (1,12,20,501) विद्यार्थी ही मध्याह्न भोजन खा रहे हैं. प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चे एक करोड़ 79 लाख 71 हजार 446 हैं. 38 से 40% बच्चे अनुपस्थित रह रहे हैं. यह वह नामांकित बच्चे हैं, जो स्कूल बिल्कुल नहीं आ रहे हैं.

विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात 1:36

सूत्र बताते हैं कि स्कूल आने वाले विद्यार्थियों में अच्छी-खासी संख्या उन बच्चों की है, जो मध्याह्न भोजन खा कर कक्षा छोड़ देते हैं. निजी एजेंसियों के आंकड़े तो उपस्थिति को और भी निराशाजनक बता रहे हैं. कक्षा एक से आठ तक में करीब 45 हजार से अधिक शिक्षक हाल में प्राथमिक और मध्य स्कूलों में पहुंचे हैं. नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षक -विद्यार्थी अनुपात 1:57 हो गया है. उपस्थिति के हिसाब से विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात 1:36 हैं.

आंकड़े

  • 70333 स्कूलों में मिल रहा मध्याह्न भोजन

  • 1,17,80,859 नामांकित बच्चे एक से पांच तक

  • 65653 स्कूल शिक्षा समिति से संचालित

  • 61,90,587 नामांकित बच्चे छह से आठ तक

318 विद्यालयों में केंद्रीकृत रसोइघर से होगी भोजन की आपूर्ति

भागलपुर जिले के 318 सरकारी विद्यालयों में केंद्रीकृत रसोइघर से मध्याह्न भोजन की आपूर्ति की जायेगी. इन चयनित स्कूलों में रोजाना बनने वाले एमडीएम को बंद कर दिया जायेगा. इस प्रक्रिया से शिक्षकों को भी पठन पाठन के लिए समय मिलेगा. इस समय भागलपुर जिले के नवगछिया, कहलगांव व भागलपुर नगर निगम क्षेत्र के सैकड़ों स्कूलों में केंद्रीकृत रसोइघर से रोजाना एमडीएम की सप्लाई की जा रही है.

सैकड़ों स्कूलों में है एमडीएम की व्यवस्था

भागलपुर के जिन स्कूलों में एमडीएम बनाया जाता है, ऐसे स्कूलों की सूची बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना समिति को भेजी गयी थी. जिसे पीएम पोषण योजना पटना के निदेशक ने स्वीकृति दे दी. केंद्रीकृत रसोइघर से जुड़े नये विद्यालयों में एमडीएम आपूर्ति के निरीक्षण की जिम्मेदारी डीपीओ पीएम पोषण योजना को दी गयी है.

योजना को स्वीकृति दो साल पहले मिली थी

बता दें कि इस योजना को स्वीकृति दो साल पहले मिली थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण स्कूलों में मिड डे मील को बंद कर दिया गया था. योजना की शुरुआत के बाद केंद्रीकृत रसोइघरों पर अतिरिक्त विद्यालयों में भोजन वितरण की जिम्मेदारी दी गयी. बता दें कि भागलपुर नगर निगम क्षेत्र व इससे सटे इलाकों में भोजन वितरण की जिम्मेदारी स्वंयसेवी संस्था बाल विकास सेवा संस्थान को दी गयी है. बीते कई वर्षों से जीरोमाइल स्थित केंद्रीकृत रसोइघर से नगर निगम, सबौर व नाथनगर के विद्यालय में भोजन की आपूर्ति की जा रही है.

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