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मुख्यमंत्री कार्यालय ने पूछा, 2016 में बना अस्पताल, 2022तक क्यों नहीं हुआ शुरू, सीएस बोले-निरीक्षण करूंगा

वर्ष 2016 में बिहार सरकार ने 2016 में पिलखी में राजकीय रामदुलारी मिट्ठू लाल चौधरी मातृ शिशु मेमोरियल अस्पताल सवा तीन करोड़ रुपये से बनवाया. मगर 2022 तक ये अस्पताल चालू नहीं हो सका. मामले में अब सीएमओ ने संज्ञान लिया है. पत्र आने के बाद अस्पताल चालू करने की कवायद तेज हो गयी है.

पिलखी में बनकर तैयार राजकीय रामदुलारी मिट्ठू लाल चौधरी मातृ शिशु मेमोरियल अस्पताल पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने सिविल सर्जन कार्यालय से इस संबंध में ताजा अपडेट मांगा है. सीएमओ का पत्र आने के बाद इसे चालू करने की कवायद तेज हो गयी है. जानकारी के अनुसार, इस अस्पताल को चालू करने के लिए ग्रामीणों ने वर्ष 2021 में सीएमओ को पत्र लिखा था. स्थानीय मुखिया प्रज्ञा कुमारी, मुरौल के प्रमुख मनोज कुमार व जिला पार्षद नीलम देवी के पत्र को सीएमओ कार्यालय ने सीएस कार्यालय को भेजा है. सीएस डाॅ यूसी शर्मा ने बताया कि अस्पताल का भवन तैयार है. अस्पताल कैसे चालू हो, इसके लिए वे विशेषज्ञ की राय लेंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री को जवाब दिया जायेगा.

30 बेड का मातृ शिशु अस्पताल बन कर बेकार पड़ा

मुखिया प्रज्ञा कुमारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि रामदुलारी मिट्ठू लाल चौधरी शिशु मेमोरियल अस्पताल सवा तीन करोड़ की लागत से 2016 में तैयार हो गया, लेकिन अबतक चालू नहीं हुआ है. इस अस्पताल के चालू हो जाने से मुरौल, बंदरा और सकरा के मरीजों को काफी लाभ मिलेगा. अस्पताल के लिए जमीन दान में दी गयी है. 30 बेड का मातृ शिशु अस्पताल बन कर बेकार पड़ा है. अस्पताल में अविलंब चिकित्सक व कर्मियों की तैनाती कर चालू कराया जाये. इससे जमीन दान करने का उद्देश्य पूरा होगा और आम जनता को भी इसका लाभ मिलेगा.

अस्पताल चालू करने की होगी कोशिश: सीएस

मुजफ्फपुर के सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने बताया कि सीएम कार्यालय का पत्र आया है. मैं अस्पताल का निरीक्षण करूंगा. अस्पताल किस तरह से चालू हो, इसके लिए पहल की जायेगी. गौरतलब है कि मुजफ्फपुर में 380 स्वास्थ्य केंद्रों के बंद होने का मामला भी सामने आया था. इसमें सीएस के द्वारा एक तीन सदस्यों की जांच टीम बनाकर मामले की जांच की जा रही है. ऐसे में उम्मीद है कि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था अब बेहतर हो जाएगी.

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