भारतीय रंगमंच के लोकप्रिय व्यक्तित्व महान नाटककार, अभिनेता, निर्देशक, इतिहासकार इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणबीर सिंह हम सब के बीच नहीं रहे. झारखंड इप्टा के महासचिव उपेंद्र कुमार मिश्रा ने दुख जताते हुए कहा, उनकी प्रतिबद्धता को हम विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
फिल्म शोले में रणबीर सिंह ने किया काम
रणबीर सिंह 93 वर्ष के थे. उनका जन्म 7 जुलाई 1929 को हुआ था. कॉलेज की प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1944 में उच्च प्राप्त करने कैंब्रिज विश्वविद्यालय चले गए. 1949 में भारत लौटकर फिल्मों में अभिनय करने मुंबई चले आये. उन्होंने बी आर चोपड़ा की फिल्म शोले और चांदनी चौक फिल्म में शेखर और मीना कुमारी के साथ अभिनय किया.
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फिल्मों के अलावा कई नाटकों में अभिनय किया और खुद लिखा भी
1953 में अपने जन्म स्थली जयपुर लौट आये. जयपुर आने के उन्होंने एक थिएटर ग्रुप का गठन किया और कई नाटकों का निदर्शन करते हुए नाटकों में अभिनय भी किया. अपने जीवन को संस्कृतिकर्म के प्रति समर्पित कर दिया. साथ ही उन्होंने कई टीवी धारावाहिकों में भी अभिनय किया. उनके द्वारा लिखित नाटकों में प्रमुख है सराय की मालकिन, है मेरा दिल, पास, गुलफाम, मुखौटो की जिंदगी सहित अन्य नाटक. विश्व रंगमंच का अध्ययन करने और अभिनय एवं निर्देशन पर व्याख्यान देने के लिए यूके, रूस, जर्मनी, फ्रांस, चेकोस्लोवाकिया के समारोहों में भाग लिया.
2012 में इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे रणबीर सिंह
1986 में हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय महाधिवेशन के दौरान इप्टा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुने गए. 2012 में ए के हंगल के निधन के बाद वे राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार संभाला. उनके नेतृत्व में इप्टा निरंतर आगे बढ़ती रही. उनकी कार्यशैली आज भी ना सिर्फ इप्टा के रंगकर्मियों को दिशा देती रहेगी बल्कि विश्व रंगमंच को भी एक दिशा प्रदान करेगी. झारखंड इप्टा के महासचिव उपेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा, आप बराबर याद आते रहेंगे. पुनः विनम्र श्रद्धांजलि के साथ रंगमंच को समर्पित नाटककार रणबीर सिंह को झारखंड इप्टा सलाम करती हैं.