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Credit या Debt कार्ड से करते हैं खरीदारी, तो 30 सितंबर से पहले कर लें टौकेनाइजेशन, यहां देखें आसान तरीका

डेबिट और क्रेडिट कार्ड डेटा का यूनिक टोकन से रिप्लेस इसके धारकों को फ्रॉड से बचने के इरादे से किया जा रहा है. इसके तहत कार्ड धारकों के सारे डिटेल एन्क्रिप्टेड टोकन के रूप में स्टोर रहेंगे. ऐसे में ग्राहकों का भुगतान ज्यादा सुरक्षित होगा.

क्या आप लेन देन के लिए नकदी के अलावा क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का भी इस्तेमाल करते हैं. अगर आपका जवाब हां है तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड के डेटा को यूनिक टोकन से रिप्लेस करना अनिवार्य कर दिया है. यानी 30 सितंबर, 2022 से पहले ऑनलाइन, पॉइंट-ऑफ-सेल और इन-ऐप लेनदेन में उपयोग किए जाने वाले सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड डेटा का यूनिक टोकन से रिप्लेस आरबीआई ने अनिवार्य कर दिया है. 

एन्क्रिप्टेड टोकन के रूप में स्टोर होंगे डिटेल: डेबिट और क्रेडिट कार्ड डेटा का यूनिक टोकन से रिप्लेस इसके धारकों को फ्रॉड से बचने के इरादे से किया जा रहा है. इसके तहत कार्ड धारकों के सारे डिटेल एन्क्रिप्टेड टोकन के रूप में स्टोर रहेंगे. ऐसे में ग्राहकों का भुगतान ज्यादा सुरक्षित होगा. इसके तहत विवरण का खुलासा किये बिना भुगतान हो जाएगा.

आरबीआई ने कर दिया है अनिवार्य: गौरतलब है कि आये दिन होते फ्रॉड को देखते हुए आरबीआई ने मूल कार्ड डेटा को एन्क्रिप्टेड डिजिटल टोकन से रिप्लेस करने को अनिवार्य कर दिया है. इसके पीछे आरबीआई का मकसद है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फ्रॉड से दूर रहे. आपके कार्ड के अंदर की जानकारी किसी भी तरह से लीक न हो, और ही कोई फीड जानकारी को ट्रेस कर सके.

कैसे जनरेट करें टोकन

  • सबसे पहले किसी भी ई-कॉमर्स मर्चेन्ट वेबसाइट या ऐप लॉग इन करें.

  • इसके साथ अपना कार्ड चुन लें. साथ ही कार्ड के विवरण भर दें.

  • फिर क्रेडिट और डेबिट कार्ड की डिटेल भरें.

  • कार्ड को सिक्योर करें.

  • फिर ‘आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार अपने कार्ड को सुरक्षित करें’ के विकल्प का चुनाव करें.

  • इसके बाद आपके पास एक ओटीपी आएगा, जिसे आप फिल कर दें.

  • क्रिएट पर क्लिक करें. इसके साथ ही आपके कार्ड का डेटा अब एक टोकन के रूप में बदल दिया गया है.

  • इसके बाद जब भुगतान करने के लिए जब आप उसी बेवसाइट या प्लेटफार्म पर जाते हैं तो सेव (Save) किए गए कार्ड के लास्ट 4 डिजिट दिखाई देते हैं. या यू कहें कि यही आपका टोकन होगा.

इन प्रक्रिया के बाद डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी हुई कोई भी जानकारी सिर्फ कार्ड जारी करने वाले नेटवर्क के पास ही स्टोर होगी. और कोई उन डेटा को स्टोर नहीं कर सकेगा. जिनके पास पहले से डेटा उपलब्ध होगा उन सभी को अपना डेटा डिलीट करना होगा.

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