पटना के गांधी घाट पर गंगा सोमवार सुबह छह बजे खतरे के निशान को पार कर गयी. यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है, जबकि गंगा इस समय 48.62 मीटर के साथ बह रही थी. यहां पर गंगा खतरे के निशान से दो सेंटीमीटर ऊपर जल स्तर पहुंच गया. जिला प्रशासन शाम पांच बजे तक यहां जलस्तर स्थिर था.
हाथीदह में खतरे का निशान 41.76 मीटर है, यहां गंगा का जलस्तर सोमवार की सुबह छह बजे 41.68 मीटर था. शाम छह बजे यह बढ़ कर 41.74 मीटर हो गया. यहां गंगा खतरे के निशान से मात्र दो सेंटीमीटर नीचे थी. गांधी घाट के बाद अब हाथीदह में किसी भी समय गंगा खतरे के निशान को पार कर सकती है.
दूसरी ओर गंगा का मनेर में खतरे का निशान 52.00 मीटर है यहां पर गंगा का जलस्तर सुबह छह बजे 51.54 मीटर था. शाम चार बजे जलस्तर बढ़ कर 51.57 मीटर हो गया. इस समय तक तीन सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा. यहां खतरे के निशान से आधे मीटर से भी कम दूरी पर गंगा बह रही है. दीघा घाट पर खतरे का निशान 50.45 मीटर है यहां पर यह 49.78 मीटर के जलस्तर के साथ बह रही थी. शाम पांच बजे तक यहां पानी का स्तर इतना ही रहा. फतुहा के कटैयाघाट में खतरे का निशान 47 मीटर है, यहां गंगा का जलस्तर सुबह छह बजे 46.90 मीटर था.
अन्य जगहों पर भी गंगा उफन रही है. ऐसे में पटना में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. मनेर, गांधी घाट, हाथीदह में पानी बढ़ रहा है. वहीं दीघा घाट पर पानी स्थिर है. पटना के सभी गंगा घाटों पर पानी या तो बढ़ रहा है या फिर स्थिर है. सोमवार की शाम तक जिले के तटबंध सुरक्षित थे. पटना शहर की सुरक्षा दीवार भी सुरक्षित थी. वहीं पटना जिला प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. लोगों से नदी में नहीं जाने की अपील की है. प्रशासन की ओर से कहा गया है कि स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.
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शहर के गंगा का जल स्तर बढ़ने के कारण कुर्जी बिंद टोली में पानी भर गया है. बिंद टोली के दर्जनों घरों में पानी भी भरा है. लोग बाहर निकल कर सड़क और अन्य जगहों पर रहने को मजबूर हो गये हैं. इस क्षेत्र में करीब 500 लोग रहते हैं. बिंद टोली के अलावा दीघा, कुर्जी और एलसीटी घाट में अशोक राजपथ के करीब गंगा पहुंच गयी है.