हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की गड़बड़ी जांच के लिए सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय टीम गठित की है. जांच टीम में डॉ सतीश कुमार, डॉ सीके दास व डॉ सीएस प्रसाद को शामिल किया गया है. सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने बताया कि जांच टीम बंदरा में जांच शुरू कर दे है. जिले के सभी पीएचसी में भी जांच होगा. बंदरा, औराई व मड़वन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. अधिवक्ता पंकज कुमार ने हेल्थ एंड वेलनेस में गड़बड की शिकायत जिलाधिकारी से की थी. इस पर उपविकास आयुक्त ने एक सप्ताह के अंदर सिविल सर्जन से रिपोर्ट तलब की है.
जिले में पिछले दो साल में 380 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण कराया गया है. इस पर करीब 26 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का अधूरा निर्माण कर पूरी राशि निकालने के मामले में मड़वन व औराई पीएचसी का नाम भी जुड़ गया है. मड़वन के भटौना में जब वहां एएनएम पहुंचीं, तो ताला बंद मिला. मशक्कत के बाद ताला खोला गया, तो वहां अंदर कोई उपस्कर नहीं थे. केवल एक-दो कुर्सी मिली. इसकी शिकायत पर पीएचसी स्तर से छानबीन शुरू है. औराई के जोंकी में भी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाया गया है, लेकिन राशि की बंटरबांट से वह चालू नहीं हुआ है.
बंदरा के मुतलुपुर व पटसारा में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के अधूरा निर्माण के बाद उसका उद्घाटन कराया गया. वहां के लोगों की शिकायत के बाद विधायक निरंजन राय ने अंदर जाकर देखा, तो वे भौंचक रह गये. उनके साथ सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा भी थे. वे भी सोच में पड़ गये कि किस तरह अंदर में खाली व बाहर से रंग-रोगन कर छोड़ दिया गया. सीएस ने विधायक को बताया कि हर सेंटर के लिए सात लाख की राशि मिली है. इसमें बेड से लेकर जांच के उपकरण उपलब्ध रहना चाहिए. अधूरे सेंटर की शिकायत की शिकायत विधायक राय ने जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक की. इसके बाद कुढ़नी में भी बिना निविदा के हेल्थ सेंटर निर्माण की शिकायत स्थानीय विधायक की ओर से जिलाधिकारी को की गयी. इसके बाद मुशहरी के जमालाबाद में भी अधूरा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण कराने की शिकायत वहां के पूर्व उपमुखिया सुधीर कुमार पप्पू ने सिविल सर्जन से की है.
नेशनल हेल्थ मिशन की राशि से जिले में पिछले दो साल से हेल्थ एंड वेलनेस सेेंटर निर्माण का काम चल रहा है. इस दौरान 380 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण कराया गया है. इस पर करीब 26 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. लेकिन अधूरा निर्माण कर करोड़ों रुपये की बंदरबांट कर ली गयी है.