अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न की प्राप्त राशि में अधिक निवेश राशि की छूट का दावा किया है, तो आपको फॉर्म 16 में उल्लेखित सभी आंकड़ों का विवरण रखना होगा. अगर आप अतिरिक्त निवेश राशि का झूठा दावा करते हैं, तो आप पर 200 फीसदी तक जुर्माना लग सकता है.
वरीय चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश खेतान ने बताया कि ऑटो जेनरेटेड सूचना जारी करने के बाद प्राप्तकर्ताओं को फॉर्म 16 के साथ विसंगतियों को दूर करने के लिए रिटर्न को संशोधित करने के लिए 15 दिनों का समय मिलेगा. अगर इनकम में अधिक डिडक्शन का झूठा दावा किया जाता है, तो 200 फीसदी जुर्माना देना होगा.
राजेश खेतान ने कहा कि अगर किसी कारण आपने अपने नियोक्ता को पूरे निवेश छूट की सूचना नहीं दी है, तो आप रिटर्न फाइल करते समय छूट का दावा कर सकते हैं, लेकिन आपको वास्तविक दावों के मामले में इन्वेस्टमेंट का प्रूफ जैसे एनपीएस, पीपीएफ, एसएसवाइ, एनएससी, एससीएसएस, कर-बचत एफडी, यूलिप, इएलएसएस आदि और व्यय जैसे जीवन स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, बच्चों की ट्यूशन फीस रसीद, गृह ऋण ब्याज और गृह ऋण मूलधन की अदायगी आदि और दिये गये दान का प्रमाण आदि को सुरक्षित रखना होगा, क्योंकि इनकम टैक्स विभाग आपको इस संबंध में नोटिस जारी कर सकता है.
पिछले वर्ष बहुत से करदाताओं को इसी तरह की सूचना मिली थी. इसके लिए इनकम टैक्स विभाग द्वारा 15 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया जाता है और अगर भूलवश आपसे अतिरिक्त छूट का दावा हो गया हो, तो आइटीआर को संशोधित किये जाने का विकल्प लेना होगा.
खेतान ने बताया कि अगर आपको स्क्रूटनी का नोटिस आता है, तो नोटिस आने पर आपको निवेश के साक्ष्य विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने होंगे. अगर बिना साक्ष्य ही दावा किया गया है, तो ऐसी स्थिति में आपको 200 फीसदी तक जुर्माना देना पड़ सकता है.