भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने सोमवार को जिला गंगा संरक्षण समिति, जिला पर्यावरण समिति व एकल उपयोग प्लास्टिक प्रतिबंध को लेकर किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. समीक्षा सभागार में हुई बैठक में कहा गया कि गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने का प्रयास किया जा रहा है. ठोस द्रव्य अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जिले में चिह्नित 65 में से 40 स्थलों पर निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसमें 20 स्थलों पर निर्माण कार्य 15 सितंबर तक पूरा होने की संभावना है. यह गंगा को यथासंभव प्रदूषण मुक्त रखने में सहायक सिद्ध होगा.
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने मनरेगा व वन विभाग को निर्देश दिया कि गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में पौधरोपण को प्राथमिकता दें. वर्तमान वित्तीय वर्ष में गंगा किनारे 1500 एकड़ में जैविक खेती करने का लक्ष्य है. डीएम ने जैविक खेती कार्य को और प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया.
पर्यावरण समिति बैठक में जिला परिवहन शाखा को यह निर्देश दिया गया कि पर्यावरणीय मानकों व विधिसम्मत प्रावधानों के अनुसार वाहनों का परिचालन हो. कार्रवाई में और तेजी लायें. जिला शिक्षा पदाधिकारी को पर्यावरण संरक्षण के संबंध में स्कूलों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया. विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभ्यारण्य को लेकर सुलतानगंज से कहलगांव तक लगभग 62 किलोमीटर के क्षेत्र में सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से 10 किलोमीटर की परिधि में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसेटिव जोन) है. यहां कुछ कार्य प्रतिबंधित है. निर्देश दिया गया कि उक्त क्षेत्र में विधिसम्मत प्रावधानों का अनुपालन हो.
बैठक में एकल उपयोग प्लास्टिक उपयोग पर प्रतिबंध को लेकर नगर निगम द्वारा हाल के दिनों में 103 दुकानों पर छापेमारी की गयी और लगभग 32 हजार रुपये राशि आर्थिक दंड के रूप में वसूला गया. नवगछिया में 255 दुकानों पर छापेमारी अभियान में लगभग 47 हजार रुपये की वसूली गयी है. डीएम ने लगातार छापेमारी अभियान जारी रखने का निर्देश दिया. बैठक में नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता आदि उपस्थित थे.