भागलपुर: मायागंज अस्पताल में सोमवार को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान अफरा-तफरी के माहौल में इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए लायी गयी आठ साल की बच्ची फूलन कुमारी की मौत हो गयी. बांका रजौन के पदमपुर गांव की रहने वाली बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड व अस्पताल परिसर में हंगामा किया.
शव को इमरजेंसी वार्ड के बाहर रखकर मृतक बच्ची के भाई सुधीर कुमार ने डॉक्टरों को गाली गलौज किया. वहीं अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया. सुधीर ने बताया कि उसकी बहन निमोनिया से पीड़ित थी. सोमवार सुबह उसकी हालत बिगड़ने के बाद आनन-फानन में उसे रजौन से मायागंज अस्पताल करीब पौने ग्यारह बजे लाया गया.
मरीज की गंभीर स्थिति के बावजूद डॉक्टरों ने शीघ्र इलाज शुरू नहीं किया. बार-बार कहने के बावजूद बच्ची को ऑक्सीजन मास्क नहीं लगाया गया. इलाज की बजाय करीब 15 मिनट तक डॉक्टर व दूसरे स्टाफ पूछताछ में लगा दिये. इसी दौरान बच्ची की मौत हो गयी. जबकि बच्ची का ऑक्सीजन लेवल लगातार कम होने से सांस फूल रही थी. हंगामे की बात सुन कर अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास व बरारी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया गया.
मृतक बच्ची के भाई सुधीर ने बताया कि अलीगंज से मायागंज अस्पताल आने के दौरान गुड़हट्टा चौक, उल्टापुल, घंटाघर से लेकर कचहरी चौक व तिलकामांझी चौक तक भीषण जाम लगा हुआ था. अस्पताल पहुंचने में करीब 45 मिनट का विलंब हो गया है. अगर जाम में नहीं फंसते तो बच्ची की जान बच जाती.
मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने बताया कि बच्ची को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था. रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी थी. मृतक के परिजन ने अस्पताल में लापरवाही का आरोप लगाया है. अगर वह इसकी लिखित शिकायत करते हैं तो इसकी जांच करायी जायेगी.