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सिंगल मदर: बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए अपनाएं ये टिप्स…

सिंगल मदर होने के नाते एक महिला को बच्चे की भावनात्मक और आर्थिक दोनों जिम्मेवारियों को निभाना पड़ता है. आपको घर और बाहर दोनों जगह बराबर ध्यान देना पड़ता है. अगर आप भी सिंगल मदर हैं या फिर बनने की तैयारी कर रही हैं, तो इन टिप्स को फॉलो करके आप अपने बच्चे को अच्छी परवरिश दे सकती हैं.

सिंगल मदर: बदलते जमाने के साथ आजकल सिंगल पेरेंटिंग का ट्रेंड काफी बढ़ रहा है. कुछ महिलाएं तलाक के बाद बच्चों की जिम्मेदारी निभाती हैं, तो कुछ बिना शादी किये ही बच्चे गोद ले लेती हैं, पर अकेले अपने दम पर बच्चे को पालना और उन्हें बड़ा करना किसी चुनौती से कम नहीं है. सिंगल मदर होने के नाते एक महिला को बच्चे की भावनात्मक और आर्थिक दोनों जिम्मेवारियों को निभाना पड़ता है. आपको घर और बाहर दोनों जगह बराबर ध्यान देना पड़ता है. अगर बच्चा छोटा है, तो उसके लिए दूध, रेगुलर रूटीन, हाइजीन, स्कूल समेत कई बातों का ख्याल रखना पड़ता है. अगर आप भी सिंगल मदर हैं या फिर बनने की तैयारी कर रही हैं, तो इन टिप्स को फॉलो करके आप अपने बच्चे को अच्छी परवरिश दे सकती हैं.

हमेशा शांत और पॉजिटिव रहें

सिंगर मदर होने के कारण आपको दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है. ऐसे में आपको हमेशा पॉजिटिव रहने की जरूरत है. भले ही ऑफिस में आपका दिन चाहे कितना भी बुरा क्यों न बीता हो या सहकर्मियों पर गुस्सा क्यों न आया हो, पर आपको हमेशा ही शांत और पॉजिटिव रहना है. क्योंकि, जब ऑफिस के तनाव को लेकर घर जायेंगी, तो आप अपने बच्चे की अच्छी तरह से देखभाल कर पायेंगी. याद रखें, आपको ही अपने बच्चे को पूरा समय देना है. सिंगल मदर होने के नाते आपको हमेशा इस बात का ख्याल रखना होगा कि आपके और बच्चे के बीच कोई तीसरा इंसान नहीं आयेगा. इसलिए आप दोनों के बीच इतनी अच्छी बॉन्डिंग होनी चाहिए, जिससे बच्चा आपके साथ हर बात साझा कर सके.

कभी-कभी ना कहना भी जरूरी

ऐसा माना जाता है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक इमोशनल होती हैं. सिंगल मदर के लिए भी यही सबसे बड़ी परेशानी है. बच्चे की जिद व डिमांड के कारण अक्सर मां उन्हें न कुछ नहीं कह पाती हैं. इससे बच्चे की जिद और अधिक बढ़ जाती है. इतना ही नहीं, कई बार बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए रोना-धोना शुरू कर देते हैं और उनकी जिद के आगे मां उनका कहना मान लेती हैं. इस स्थिति में कई बार न चाहते हुए सिंगल मदर को अपने बच्चे की जिद पूरी करनी पड़ती है. इसलिए बच्चे की गलत बातों पर कभी-कभार ना कहना भी जरूरी है.

अच्छे व्यवहार के लिए करें पुरस्कृत

अपने बच्चे को अच्छे व्यवहार के लिए हमेशा पुरस्कृत किया जाना चाहिए. इससे बच्चा उस तरह का व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित होगा. एक सिंगल मदर होने के नाते आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आपको अपने बच्चे को पुरस्कृत करना है, ना कि रिश्वत देकर भ्रमित करना है. अगर आप अपने बच्चे को अच्छा व्यवहार करने पर इनाम देकर प्रेरित करने का प्रयास करती हैं, तो यह एक रिश्वत की तरह है. बच्चों को रिश्वत देना उन्हें चालाकी करना सिखाता है. इसलिए इससे बचना बहुत जरूरी है.

बच्चे को पर्याप्त समय दें

एक सिंगल मदर होने के नाते आपके पास माता-पिता दोनों की जिम्मेवारी होती है. ऐसे में आपको उन्हें वक्त देना बहुत जरूरी है. अगर ऑफिस के काम में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं, इसके बावजूद बच्चा जरूरत पड़ने पर आपको बुलाता है, तो उस वक्त मौजूद रहें. इससे आपके और बच्चे के बीच बॉन्डिंग मजबूत होगी और प्यार का एहसास बढ़ेगा. इमोशनल फीलिंग्स में बच्चा न सिर्फ आपकी बातों को मानेगा, बल्कि अनुशासन बढ़ाने की भी कोशिश करेगा, ताकि लोग उसकी मां की प्रशंसा करें.

समय का महत्व बताएं

हम सभी जानते हैं कि समय बहुत कीमती है. अगर हम समय प्रबंधन की कला में महारत हासिल करना सीख लेते हैं, तो कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. ऐसे में एक सिंगल मदर होने के नाते आप अपने बच्चे को समय के महत्व के बारे में बताएं. आप अपने बच्चे के स्कूल, ट्यूशन, खाने-पीने और खेलने का वक्त सुनिश्चित करें. अपने बच्चे को समझाएं कि वक्त के अनुसार कोई काम करने से ही उनका भविष्य बेहतर बनेगा.

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