शहरी क्षेत्र के लोग प्रत्येक माह केवल 16 से 17 करोड़ रुपये बिजली बिल देते हैं. यही नहीं कल्याणी, मोतीझील, मिठनपुरा, रमना, सरैयागंज, माड़ीपुर, बटलर, विवि क्षेत्र, गन्नीपुर, कलमबाग रोड, मोतीझील, टावर, सिकंदरपुर, ब्रह्मपुरा के उपभोक्ता सबसे अधिक बिजली का उपयोग भी करते हैं, क्योंकि इन इलाकों में शहर के मुख्य बाजार से लेकर रिहाइशी इलाके हैं. इन इलाकों में कई ऐसे छोटी-छोटी कॉलोनी हैं, जहां लगभग हरेक मकान में कम-से-कम एक एसी तो लगा ही है. लेकिन बिल भुगतान की बात करें तो शहरी क्षेत्र में अभी 35 से 40 प्रतिशत उपभोक्ता नियमित तौर पर बिल भुगतान नहीं करते हैं. यह हम नहीं, बल्कि बिजली कंपनी के शहरी वन डिवीजन के आंकड़े बताते हैं.
दरअसल शहरी क्षेत्र में 77616 उपभोक्ता हैं, इसमें 19 हजार कॉमर्शियल उपभोक्ता हैं. 19 हजार में करीब 2200 उपभोक्ता थ्री फेज वाले हैं, जिनका लोड सबसे अधिक होता है. बड़े कॉमर्शियल उपभोक्ता बिजली भुगतान में नियमित रहते हैं, लेकिन इसकी तुलना छोटे कॉमर्शियल उपभोक्ता में कई ऐसे हैं, जो नियमित भुगतान नहीं करते. सामान्य उपभोक्ताओं की संख्या 59 हजार के करीब है, इनमें बिल भुगतान में करीब 50 से 60 प्रतिशत ही नियमित है. शहर के कुल उपभोक्ताओं का एक माह का बिल 16 से 17 करोड़ रुपये के करीब है. इसमें सामान्य उपभोक्ता का बिल नौ से 10 करोड़, शेष छह से सात करोड़ रुपये कॉमर्शियल उपभोक्ताओं का बिल है.
राजस्व वसूली को लेकर बिजली कंपनी के वरीय अधिकारियों की ओर से मिले निर्देश के तहत चारों डिवीजन के कार्यपालक अभियंताओं ने बकायेदारों के विरुद्ध सख्त अभियान शुरू किया है. इसमें सभी जेई को निर्देश दिया गया है कि लगातार दो से तीन माह से जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिल भुगतान नहीं किया जा रहा है, उनकी बिजली काट दें. इसके अलावा 50 हजार रुपये से अधिक के बिल बकायेदारों के विरुद्ध अलग से वसूली के लिए अभियान चलाए़ं वहीं बिजली चाेरी करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करें. बकाया वालों की बिजली कटी तो बिना बिल जमा किये वहां बिजली जलायी जा रही है तो छापेमारी करें.