पटना: बिहार में कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर महागठबंधन में सियासी खींचतान जारी है. दरअसल, कांग्रेस ने कानून मंत्री और राजद एमएलसी कार्तिकेय सिंह को लेकर तेजस्वी से एक बार विचार करने की आग्रह की है. बता दें कि नीतीश कैबिनेट में कानून मंत्री कर्तिकेय सिंह के शामिल होने के तुरंत बाद बड़ा विवाद पैदा हो गया था. अब इस मामले को लेकर बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने कानून मंत्री से जुड़े विवाद को लेकर महागठबंधन के घटक दलों से विचार लेने के बाद जरूरी कदम उठाने की बात कही है.
बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्तचरण दास ने कहा कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर जो विवाद चल रहा है. उससे महागठबंधन की किरकिरी हो रही है. उन्होंने कहा कि हांलाकि मामला कोर्ट का है. लेकिन सबकुछ आंख बंद कर बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि महागठबंधन के घटक दलों को स्थिति का जायजा लेने की जरूरत है. क्योंकि इसके कारण जो विवाद चल रहा है वह अनुचित है.
वहीं, कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के मामले को लेकर कांग्रेस के अलावे हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी और भाकपा माले ने भी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मामले को लेकर पुनर्विचार करने की मांग की है. बता दें कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर दानापुर की एक निचली अदालत ने एक आठ साल पुराने अपहरण कांड में अदालत में पेश होने के लिए जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद बिहार बीजेपी ने इस मुद्दे को जमकर उछाला था.
गौरतलब है कि बिहार सरकार में कानून मंत्री राजद एमएलसी कार्तिकेय सिंह के खिलाफ साल 2014 में बिहटा थाने में अपहरण के मामले में नाम दर्ज है. जानकारी के अनुसार पटना उच्च न्यायालय ने फरवरी 2017 में कार्तिकेय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कार्तिकेय सिंह को निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. इसी मामले को लेकर दानापुर की निचली अदालत ने 16 अगस्त 2022 को कार्तिकेय सिंह की पेशी के लिए जमानती वारंट जारी किया था.