PIB Fact Check: सोशल मीडिया का इस्तेमाल हम सभी करते हैं. सोशल मीडिया में अच्छे से लेकर बुरी सभी तरह की चीजें मौजूद हैं. सोशल मीडिया पर हम अक्सर कई तरह के सरकारी और गैर सरकारी स्कीम्स के बारे में सुनते रहते हैं. कई बार ये स्कीम्स सही भी होते हैं और कई बार झूठे भी साबित हो जाते हैं. इस स्टोरी में हम ऐसे ही एक सरकारी स्कीम की बात करेंगे और उससे जुड़े सच का पता लगाएंगे. बीते कुछ समय से हमने सोशल मीडिया साइट्स पर सरकार के नाम से चलाये जा रहे एक स्कीम के बारे में जरूर सुना होगा जिसमे कहा जा रहा है कि मोदी सरकार बेरोजगार युवाओं को हर 6 महीने 6 हज़ार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गयी है. तो क्या ये स्कीम सही है? चलिए जानते हैं
PIB ने जब इस वायरल मैसेज की जांच की तो उसे इसका पूरा सच पता चला. बता दें PIB के मुताबिक यह एक फ्रॉड स्कीम है और लोगों को गुमराह करने के लिए लायी गयी है. PIB ने लोगों से इस मैसेज को शेयर नहीं करने को भी कहा है. PIB Fact Check ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी देते हुए लिखा की- ये मैसेज फर्जी है. भारत सरकार ऐसी कोई योजना नहीं चला रही. कृपया ऐसे मैसेज फॉरवर्ड ना करें.
बता दें ये पहली बार नहीं हुआ है जब सोशल मीडिया पर इस तरह के मैसेज शेयर किये गए हैं. इसे पहले भी कई तरह के सरकारी स्कीम्स के नाम पर इस तरह के मैसेजेस वायरल हो चुके हैं. कुछ ही समय पहले WhatsApp पर एक मैसेज वायरल हो रहा था जिसमे कहा जा रहा था कि सरकार आधार कार्ड के जरिये जरुरतमंद लोगों को लोन मुहैय्या कराने वाला है. इस वायरल मैसेज में कहा जा रहा था की सरकार आपको आधार कार्ड के दम पर 4.8 लाख रुपये तक का लोन देगी. बाद में जांच करने पर इस खबर को भी झूठा साबित किया गया था.
अगर आप भी सोशल मीडिया एक इस्तेमाल काफी ज्यादा करते हैं तो सावधान हो जाएं. किसी भी मैसेज की बिना जांच किये उसे न ही आगे बढ़ाएं और न ही उसमे खुद फंसे. बता दें अगर आपके पास इस तरह का कोई भी मैसेज आता है तो सबसे पहले उसे फैक्ट चेक के लिए PIB Fact Check के पास भेजें. इसके लिए आपको सिर्फ https://factcheck.pib.gov.in/ पर विजिट करना होगा. आप अगर चाहें तो WhatsApp की मदद से भी सच्चाई का पता लगा सकते हैं. इसके लिए आपको PIB के व्हाट्सऐप नंबर +918799711259 पर उस मैसेज को भेजना होगा.