पटना. रोजगार गारंटी योजना के तहत 100 दिनों तक लोगों को रोजगार मुहैया कराने की बड़ी योजना मनरेगा का हाल बिहार के अंदर क्या है, इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग में मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही का रिपोर्ट जारी हो गया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले 3 महीनों में किस जिले के अंदर कैसा प्रदर्शन रहा, इसको लेकर विभाग ने विस्तार से रिपोर्ट जारी की है.
मनरेगा योजना को लेकर बक्सर जिला सबसे टॉप पर रहा है. बक्सर जिले को 89.15 अंक मिले हैं, जबकि इस रैंकिंग में पटना जिला 31 में नंबर पर पिछड़ गया है. रैंकिंग में पहली बार अमृत सरोवर के काम को भी शामिल किया गया है. बक्सर के बाद जहानाबाद दूसरे नंबर पर वैशाली तीसरे नंबर पर गया चौथे नंबर पर और पूर्वी चंपारण पांचवें नंबर पर है. इस रैंकिंग में सबसे नीचे शिवहर जिले का स्थान है.
इस रैंकिंग में बक्सर ने 1 लंबी छलांग लगाई है. इसके पहले समस्तीपुर जिला मनरेगा रैंकिंग में नंबर वन बना था, लेकिन इस बार समस्तीपुर पिछड़कर 22वें नंबर पर जा पहुंचा है. ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के अंदर चल रहे मनरेगा के कार्यों में पौधारोपण नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट पर खर्च अमृत सरोवर योजना के साथ-साथ एससी एसटी वर्ग के लोगों को मनरेगा के तहत तक काम देने के मामले में स्थिति सही नहीं है.
पटना जिले की रैंकिंग में पिछड़ने की पीछे कई वजह है. पौधारोपण के मामले में पटना जिला तीसरे स्थान पर और योजनाओं को समय पर पूरा करने के मामले में 31 स्थान पर है. मजदूरों को समय से भुगतान करने के मामले में भी पटना 26 वें स्थान पर है.साथ ही महिलाओं को रोजगार देने के मामले में पटना जिला अट्ठारह में स्थान पर है.
मनरेगा की रैंकिंग अमृत सरोवर के लिए स्थल का चयन और कार्य पूरा कराने के साथ-साथ चयनित योजनाओं को पूरा कराने, एससी एसटी के लोगों की मनरेगा में भागीदारी महिलाओं को मिलने वाले काम पौधारोपण का निरीक्षण और काम की पूर्णता के साथ-साथ कृषि कार्य पर कितना खर्च किया गया इस को लेकर जारी की जाती है.