भागलपुर. जिले में गंगा नदी पर बन रहे दूसरा सबसे बड़ा पुल मजाक बनकर रह गया है. गंगा पुल निर्माण कार्य में तेजी लाने का दबाव ठेका एजेंसी पर डालने के बजाय उसे पुल निर्माण निगम बार-बार मोहलत दिये जा रहा है. स्थिति यह है कि पांचवीं बार भी ठेका एजेंसी को मिली डेडलाइन भी फेल हो चुकी है और पुल निर्माण निगम ने उसे 30 मार्च 2023(संभावित) तक निर्माण करने की समय दे दी है. इस बाबत शनिवार को निर्देश भी जारी हो गया.
गंगा पुल बना कर तैयार करने की संभावित पांचवां डेडलाइन 30 दिसंबर था. इस डेडलाइन पर पुल बना कर तैयार करने की उम्मीद खुद पुल निर्माण निगम को नहीं था. दरअसल, अक्तूबर तक गंगा ऊफान पर रहेगी. बाढ़ की स्थिति बनी रहेगी. इस दौरान पुल का काम करा पाना मुमकिन नहीं होगा. गंगा जलस्तर में कमी आने के बाद ही पुल का काम कराया जा सकता है, तब ठेका एजेंसी के पास दो माह ही शेष बचेगा. इस तरह से पांचवें डेडलाइन पर पुल बनाकर तैयार कर लेने की उम्मीद नहीं है और डेडलाइन बढ़ाकर 30 मार्च 2023 कर दिया है.
इधर, गंगा पुल बनकर तैयार करने की मोहलत पर मोहलत देने से पुल निर्माण निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है. दरअसल, पुल निर्माण का कार्य प्रगति धीमी है. इस कारण ठेका एजेंसी डेडलाइन पर गंगा पुल नहीं बना पा रहा है. साढ़े छह साल में फेल होनेवाला यह पांचवां डेडलाइन है. एक नवंबर, 2019 के बाद से ही ठेका एजेंसी को पुल बनाने के लिए मोहलत दी जा रही है. पांचवां संभावित डेडलाइन 30 दिसंबर निर्धारित थी.
बता दें कि उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़नेवाले इस पुल की पाया संख्या 4, 5, 6 के दोनों ओर के 36 स्लैब अप्रैल में ध्वस्त हो गये थे. इसके बाद से गंगा पुल का निर्माण को लेकर काम कम व बहानेबाजी ज्यादा हो रही है. इस वजह से डेडलाइन में तुरंत-तुरंत डेडलाइन बदला जा रहा है. महज चार महीने में दो बार डेडलाइन को बदला है.