केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने अमृत (अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन) योजना का 2025-26 तक विस्तार किया है. राज्य सरकार की अनुशंसा पर इस योजना में सूबे के 22 शहर शामिल किये गये हैं, जिनमें अगले तीन साल के दौरान 100 फीसदी घरों में स्वच्छ नल का जल व गंदे जल की निकासी के लिए सीवेज व सेप्टेज कनेक्शन सहित अन्य व्यवस्था की जायेगी.
अमृत 2.0 योजना को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने प्रोफेशनल कंसल्टेंट की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 से प्रारंभ अमृत मिशन के पहले फेज में कुल 64 योजनाएं ली गयी थी, जिनमें से अब तक 30 योजना को पूरा कर लिया गया है.
अमृत 2.0 योजना में शामिल शहरों को मिशन पोर्टल पर ऑनलाइन सिटी वाटर बैलेंस प्लान (सीपीडब्लूपी) जमा करने होंगे. इससे शहर में जल की उपलब्धता, मांग और आपूर्ति की वास्तविक स्थिति पता चलेगी और कमियों को दूर किया जा सकेगा. राज्य सरकार द्वारा अनुशंसित योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार तीन किश्तों में हर साल क्रमश: 20, 40, 40 फीसदी राशि देगी. तीसरे वर्ष की राशि प्राप्त करने के लिए संबंधित निकाय को संपत्ति कर और उपयोग शुल्क में सुधार करना होगा.
इस मिशन के तहत न सिर्फ नागरिकों को बेहतर जल सेवाएं देने को प्रतिस्पर्धा बढ़ायी जायेगी, बल्कि जल संरक्षण को जन आंदोलन अभियान भी बनाया जायेगा. इस मिशन के जरिये इस क्षेत्र में स्टार्ट अप्स को भी प्रोत्साहित किया जायेगा. क्षमता विकास के लिए जन प्रतिनिधियों से लेकर निकाय कर्मियों, ठेकेदार, प्लंबरों, प्लांट ऑपरेटरों, वर्कमैन आदि को प्रशिक्षित भी किया जायेगा.
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