दिल्ली में रोहिंग्या प्रवासियों का मामला गंभीर होता जा रहा है. इस मामले को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार आपने-सामने आ चुकी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए कहा, आप सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के लिए तैयार हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और जैसा कि हमने पहले कहा है, अवैध अप्रवासियों को यहां आश्रय नहीं दिया जाएगा. विदेश मंत्रालय उन्हें उनके देशों में वापस भेजने के लिए बातचीत कर रहा है. आप सरकार पर पलटवार करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, CM अरविंद केजरीवाल डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं तैयार कर पाए. क्या CM जागेंगे और जवाब देंगे.
सिसोदिया ने शाह से कहा, पता लगाएं किसने रोहिंग्या को फ्लैट में स्थानांतरित करने का फैसला किया?
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश देने का आग्रह किया है कि रोहिंग्या मुसलमानों को राष्ट्रीय राजधानी में फ्लैट में स्थानांतरित करने का निर्णय किसके निर्देश पर लिया गया था. सिसोदिया ने कहा, हमने रोहिंग्या मुस्लिमों को फ्लैट में स्थानांतरित करने का फैसला नहीं लिया. केंद्र ने भी कहा है कि उसने यह निर्णय नहीं किया है. तो फिर यह फैसला किसने किया? उन्होंने मांग की कि जिन्होंने यह फैसला किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
रोहिंग्या को ईडब्ल्यूएस फ्लैट में स्थानांतरित करने से गृह मंत्रालय का इनकार
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के फ्लैटों में स्थानांतरित करने के किसी भी कदम से इनकार किया और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजे जाने तक निरुद्ध केंद्रों में रखा जाए.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट के बाद रोहिंग्या को लेकर बढ़ा विवाद, जानें पूरा मामला
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा एक ट्वीट किये जाने के बाद रोहिंग्या का मामला गर्म हुआ. पुरी ने ट्वीट में कहा था कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी. एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित ईडब्ल्यूएस फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं, यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त) की ओर से जारी परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी.