भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा बल की वायु सेना के बीच चार दिवसीय पूर्व उदारशक्ति का समापन पारंपरिक तरीके से हुआ. इसको लेकर भारतीय वायु सेना ने कहा, चार दिवसीय पूर्व उदारशक्ति का समापन 16 अगस्त को रॉयल मलेशियाई वायु सेना की ओर से आयोजित एक पारंपरिक समापन समारोह के साथ हुआ. समारोह को वायु सेना दोनों की ओर से 7 विमान निर्माण फ्लाईपास्ट और आकस्मिक नेताओं के बीच स्मृति चिन्हों के आदान-प्रदान के साथ चिह्नित किया गया था.
भारतीय वायु सेना ने आगे कहा, अभ्यास के पहले संस्करण का सफल निष्पादन पेशेवर क्षमताओं, आपसी समझ और 2 वायु सेनाओं की साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है. IAF का दस्ता अब रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स (RAAF), डार्विन, ऑस्ट्रेलिया में अभ्यास पिच ब्लैक 22 के लिए आगे बढ़ता है.
Successful execution of the first edition of the exercise is testimony to professional capabilities, mutual understanding & shared commitment of the 2 Air Forces. IAF contingent now moves on to Royal Australian Air Force (RAAF), Darwin, Australia for Exercise Pitch Black 22: IAF pic.twitter.com/1q6WRh6FnU
— ANI (@ANI) August 17, 2022
आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना (IAF) का एक दल शुक्रवार को रॉयल मलेशियाई वायु सेना (RMAF) के साथ चार दिवसीय द्विपक्षीय अभ्यास ‘उदारशक्ति’ में भाग लेने के लिए मलेशिया के लिए रवाना हुआ था. यह दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के विस्तारित रक्षा और सुरक्षा सहयोग की हालिया प्रवृत्ति को जारी रखता है.
The four-day Ex Udarashakti culminated on 16th Aug with a traditional closing ceremony hosted by Royal Malaysian Air Force. Ceremony was marked with a 7 aircraft formation flypast by both Air Forces & exchange of mementoes between the contingent leaders: IAF pic.twitter.com/0HROqgLpJc
— ANI (@ANI) August 17, 2022
IAF ने कहा कि इस अभ्यास ने IAF दल के सदस्यों को RMAF के कुछ बेहतरीन पेशेवरों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और सीखने का अवसर दिया. साथ ही आपसी युद्ध क्षमताओं पर भी चर्चा हुआ. भारतीय वायुसेना ने कहा कि यह अभ्यास दोनों वायु सेनाओं के बीच विभिन्न हवाई युद्ध अभ्यासों का गवाह बनेगा, यह दोस्ती के लंबे समय से चले आ रहे बंधन को मजबूत करेगा और दोनों वायु सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के अवसरों को बढ़ाएगा, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ेगी.
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हाल के वर्षों में, भारत ने अभ्यास और सैन्य आदान-प्रदान के अलावा इस क्षेत्र के देशों को कई प्रमुख सैन्य हार्डवेयर की पेशकश की है और कई से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. उदाहरण के लिए, भारत ने मलेशिया को हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस की पेशकश की है और प्रस्ताव को प्रोत्साहित करने के लिए आरएमएएफ की सूची में जेट के लिए सुखोई-30 समर्थन पैकेज की पेशकश की है.