राजेश कुमार ओझा
महागठबंधन की बिहार में नई सरकार के कैबिनेट का मंगलवार को विस्तार किया गया. इसमें 31 लोगों को मंत्री बनाया गया. इसमें कांग्रेस कोटा से भी मुरारी प्रसाद गौतम और मो अफाक आलम को नीतीश कैबिनेट में स्थान दिया गया. कहा जा रहा है कि नीतीश कैबिनेट में कांग्रेस के दो नए चेहरे के मंत्री बनने के बाद कार्यकर्ता खुश हैं. उनका कहना है कि पार्टी में पहली बार लंबे समय से एकक्षत्र राज्य करने वाले लोगों का भ्रम भी टूट गया है. आला कमान के इस फैसले से अखिलेश गुट जहां नाराज हैं वहीं बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास शांत पड़ गए हैं.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि नीतीश कैबिनेट में कांग्रेस कोटा से कौन मंत्री बनेगा इसको लेकर दिल्ली में काफी देर तक मंथन चलती रही. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी इसको लेकर दिल्ली में कांग्रेस के सीनियर नेताओं से बैठक करने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद से भी मिले. इसके बाद इस बात की कयास लगायी जाने लगी थी बिहार में राजेश राम और शकील अहमद खां का मंत्री बनना तय है. लेकिन, कांग्रेस आला कमान के सामने उनकी एक नहीं चली.
राज्यसभा सदस्य अखिलेश सिंह गुट को भी गहरा झटका लगा है. कांग्रेस के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और सदन में कांग्रेस के नेता अजित शर्मा भी मंत्री बनने की बाट जोह रहे थे.सूत्रों का कहना है कि अखिलेश सिंह इनके आरजेडी प्रमुख के पास पैरवी भी कर रहे थे. लेकिन, पार्टाी आला कमान के सामने इनकी एक नहीं चली. पार्टी आलाकमान के फैसले से मदन मोहन झा और अजित शर्मा के समर्थक नाराज भी हैं.
नीतीश कैबिनेट में कांग्रेस खेमे से इस बार कौन दो मंत्री बनेंगे इसको लेकर कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने दिल्ली में ही डेरा जमा दिया था. हर स्तर से कांग्रेस के नेता अपने पक्ष में पार्टी आला कमान के पास पैरवी कर रहे थे. लेकिन, इनकी एक नहीं चली. पार्टी ने इस दफा नए चेहरे पर भरोसा जताया. कहा जाता है कि पार्टी ने जिन दो लोगों को मंत्री बनाया है उसमें से एक की पैरवी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार कर रही थी. वहीं एक अन्य की पैरवी तारिक अनवर कर रहे थे. पार्टी आला कमान ने दोनों की पैरवी और दलील पर अपनी सहमति जता दी और मुरारी प्रसाद गौतम और मो अफाक आलम बिहार सरकार के मंत्री बन गए. इधर पार्टी आला कमान की ओर से कांग्रेस के दो मंत्रियों को स्थान मिलने से कांग्रेस जनों में खुशी का माहौल है.