बिहार में सियासी उलटफेर के बाद महागठबंधन की सरकार फिर एकबार सूबे में बनी है. जिसके मुखिया नीतीश कुमार तो उपमुख्यमंत्री पद तेजस्वी यादव को मिला है. वहीं नीतीश कैबिनेट का विस्तार मंगलवार को होना है. इस बीच जदयू खेमे से एक खबर काफी अधिक सुर्खियों में है. ऐसी चर्चा है कि जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नाराज चल रहे हैं और मंत्रीमंडल विस्तार के लिए होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे.
जदयू के कद्दावर नेता उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में एक माने जाते हैं. मुख्यमंत्री के वो पुराने दिनों के साथी रहे हैं. जदयू से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नयी पार्टी तो बनाई पर आगे चलकर उसका विलय उन्होंने फिर जदयू में ही करा दिया. नीतीश कुमार ने उन्हें सम्मानजनक पद पर बैठाया और उसके बाद उपेंद्र कुशवाहा जदयू की ओर से आक्रमक तेवर में ही सामने वाले दल पर टूटते दिखे. लेकिन अब पार्टी से नाराजगी की खबर चर्चे में है.
एनडीए छोड़कर जदयू ने महागठबंधन के साथ नयी सरकार बनायी. जिसमें मंत्रिमंडल का विस्तार होना है और मंगलवार को ही नये मंत्री अपने पद की शपथ लेंगे. इस बीच मीडिया में ये खबर आग के तरह फैली है कि उपेंद्र कुशवाहा इस समारोह में शामिल नहीं होंगे. वजह भी सामने रखी गयी है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा मंत्री बनने की रेस में थे लेकिन कुछ अंदरूनी कारणों से अब उन्हें फिलहाल मंत्री पद नहीं मिलने जा रहा है. उपेंद्र कुशवाहा इससे नाराज हैं और पटना से बाहर चले गये हैं.
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मीडिया रिपोर्ट में उपेंद्र कुशवाहा के दिल्ली चले जाने की भी चर्चा है. लेकिन इस बीच मीडिया में दूसरी खबर भी साथ-साथ चल रही है जिसमें ये बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा ने ऐसी किसी भी बातों को गलत बताया है. भ्रामक खबर बताकर उन्होंने कहा है कि मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज होने की बात गलत है.
मीडिया में ही चल रही खबरों के मुताबिक, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वो जहां जिस पद पर हैं, उससे प्रसन्न हैं और मंत्री बनने की कोई चाहत नहीं है. उन्होंने पटना में नहीं होने की बात को सही बताया लेकिन दिल्ली में होने की बात को गलत कहा है.
Posted By: Thakur Shaktilochan