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Atal Bihari Vajpayee: पत्रकार से राजनेता बने अटल बिहारी वाजपेयी के पहले ही भाषण से मुरीद थे नेहरू

Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे, जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे नेता थे, जिनकी दोस्ती पक्ष हो या विपक्ष हर किसी से रही थी.

Atal Bihari Vajpayee: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे, जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे नेता थे, जिनकी दोस्ती पक्ष हो या विपक्ष हर किसी से रही थी. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्में अटल बिहारी वाजपेयी एक आम आदमी से लेकर राजनीतिक व देश के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचे. साल 1957 से लेकर 2009 तक अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक सफर अनवरत चलता रहा और 16 अगस्त साल 2018 में अटल बिहारी वाजपेयी का देहांत हो गया.

तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था और वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने. हालांकि, साल 1996 में जब वे पीएम बने थे, इस दौरान उनकी सरकार मात्र तेरह दिनों में गिर गई थी. इसके बाद उनका दूसरा कार्यकाल 13 महीने और फिर साल 1999 में वे जब प्रधानमंत्री बने तो अपने कार्यकाल को 2004 तक पूरा किया. वाजपेयी बाल अवस्था में ही आरएसएस से जुड़ गए थे. इसी के साथ उनके अंदर सामाजिक कार्यों और बदलावों को लेकर रूची बढ़ती गई और वे भी सामाजिक कार्यों को करने में दिलचस्पी रखते थे. बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी पहले एक पत्रकार थे, इसके साथ ही वे कविता लेखन-पाठन का काम भी किया करते थे.

पंडित नेहरू ने भी अटल जी के भाषणों को सराहा

संसद में अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों को पंडित नेहरू जैसे राजनीतिक विरोधियों ने भी सराहा. नेहरू ने कहा था कि एक दिन तुम देश के प्रधानमंत्री बनोगे. बाद में ये बात सच साबित हुई और वे देश के तीन बार प्रधानमंत्री बने. नेहरू ने ये बात तब कही थी जब एक दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली में ब्रिटिश नेता से अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात करवाई. इस दौरान नेहरू ने अटल का परिचय देते हुए कहा, इनसे मिलिए, यह युवा एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा.

कभी किसी को शिकायत का नहीं दिया मौका

लंबे समय तक राजनीति में रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी किसी के बारे में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा था. उन्होंने संसदीय दल में एक विरोधी दल के नेता और बाद में एक प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की. अपने पूरे जीवन में अजातशत्रु रहने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की खूबियों और उपलब्धियों की एक लंबी सूची है. अपने आचरण और व्यवहार में वे एक ऐसे व्यक्ति रहे जिसने कभी किसी को शिकायत का मौका नहीं दिया. वाजपेयी के नेतृत्व की क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे एनडीए सरकार के जिन्होंने गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री के तौर पर 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए. उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी, जिसमें 81 मंत्री थे.

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