बिहार में सरकार बदलते ही एक सवाल हर तरफ से पूछा जाने लगा है. सवाल ये कि 10 लाख सरकारी नौकरियां कब मिलेंगी. दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की सरकार बनने पर 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. इसी क्रम में जब पत्रकारों ने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से बिहार में दस लाख नौकरी दिए जाने का सवाल किया तो तेजस्वी यादव ने कहा कि पहली बार बेरोजगारी पर सकारात्मक विचार-विमर्श हो रहा है. यह हमारी पहली उपलब्धि है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में हमारे (राजद) और नीतीश कुमार (जदयू) की सरकार बनने के बाद पहली बार हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद को छोड़ नौकरी, रोजगार और बेरोजगारी पर सकारात्मक विमर्श हो रहा है. यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है. तेजस्वी ने कहा कि हमारी पहल पर नौकरी के मसले पर सोई हुई पत्रकारिता भी जाग रही है.
बता दें कि उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर बीते दो-तीन दिनों में अलग-अलग तरीके से बयान देते नजर आए. 10 अगस्त को उन्होंने कहा था कि उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से बात की है और कुछ ना कुछ करेंगे. उन्होंने कहा था कि कम से कम 4 से 5 लाख नौकरियों के लिए तो कुछ करेंगे ही. बाद में तेजस्वी ने यह कहा कि ये चुनौतीपूर्ण तो है लेकिन रास्ता निकाला जाएगा.
बीते 12 अगस्त को एक टीवी चैनल से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘2020 में मैंने कहा था कि मुख्यमंत्री बनूंगा तो 10 लाख नौकरी दूंगा. मैं अभी डिप्टी सीएम हूं. लेकिन सरकार में आया हूं तो मेरी जिम्मेदारी है. हम इस चीज को भूले नहीं हैं. हम इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर हैं. एक महीने में आप देखेंगे कि सरकारी नौकरी देने के मामले में बिहार सबसे बड़ा राज्य होगा.’
वहीं, तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियों के वादे पर नीतीश कुमार ने कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ठीक ही तो कहा है. हम लोग कोशिश तो कर ही रहे हैं. पूरी कोशिश करेंगे. पहले से भी हम कर रहे हैं. 2015-16 में भी हमने जो कहा था वो किया. सात निश्चय योजना के जरिये हम लोगों ने काम किया. उसका दूसरा चरण भी आया. हमने (नीतीश) भी कहा कि अधिक से अधिक रोजगार मिले. बिहार के सभी लोगों को रोजगार मिले. इसके लिए पूरी कोशिश की जाएगी.