लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में किए गए एक अध्ययन के तहत दिल्ली में कोविड के मरीजों से लिए गए अधिकतर नमूनों में ओमीक्रोन के एक नए उप-स्वरूप का पता चला है. अस्पताल के एमडी डॉ सुरेश कु्मार ने बताया कि इन मरीजों के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए थे और इस सप्ताह उनका विश्लेषण किया गया. उन्होंने कहा कि इनमें से आधे से अधिक नमूनों में ओमीक्रोन के नए उप स्वरूप बीए 2.75 की मौजूदगी मिली है.
Delhi | We studied which variant of omicron is currently active in Delhi. Of samples analysed, 50% were positive for BA2.75 subvariant. It's the leading cause for infection right now, spreading faster than other variants, escaping immunity: Dr Suresh Kumar, MD LNJP hospital pic.twitter.com/rtyRgFo5IT
— ANI (@ANI) August 13, 2022
एलएनजेपी अस्पताल में मार्च 2020 से कोविड-19 के मरीजों का उपचार हो रहा है. एलएनजेपी में मरीजों के लिए 2000 बिस्तर हैं और दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाला यह सबसे बड़ा अस्पताल है. हालांकि, अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि जिन मरीजों में इन उपस्वरूप का पता चला, वे मरीज पांच-सात दिनों के भीतर ठीक हो रहे हैं. जानकारी के अनुसार अध्ययन में 90 मरीज शामिल थे, और नया उप स्वरूप अधिक संक्रामक है.
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक से 10 अगस्त के बीच राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के 19,760 से अधिक मामले आए हैं. इस अवधि में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या में भी करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बताते चले कि बीते शुक्रवार को दिल्ली में 2 हजार से अधिक मामले सामने आए थे और कोरोना से 10 लोगों की मौत हुई थी. यह लगातार 10 वां दिन है जब राजधानी में 2 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं.
Also Read: Corona Update: कोरोना ने फिर बढ़ाई टेंशन, केंद्र ने दिल्ली समेत 7 राज्यों को जांच व टीकाकरण बढ़ाने को कहा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ज्यादातर नए मामले हल्के प्रकृति के हैं. संक्रमण दर में वृद्धि के बावजूद, सरकार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा तैयार ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) को लागू नहीं कर रही है क्योंकि अस्पताल में कम मरीज भर्ती हैं. संक्रमण दर और अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या के आधार पर उठाए जाने वाले कदमों के लिए पिछले साल अगस्त में जीआरएपी लागू की गई थी.
(भाषा- इनपुट)