ऐसा देखा गया है कि परिवारिक और फाइनेंशियल मुद्दों को लेकर कई बार शादीशुदा रिश्ते बिगड़ने लगते हैं. इसके बाद जो सबसे अधिक प्रभावित होतीं हैं वो है महिलाएं…इसको लेकर एक अध्ययन किया गया है जिससे यह बात सामने आयी है कि हर तीसरी महिला फाइनेंशियल रूप से पुरुषों पर निर्भर रहतीं हैं. इसके बाद यदि तलाक की नौबत आती है तो महिलाओं के लिए बहुत बड़ी समस्या पैदा हो जाती है. इसलिए महिलाओं को पहले से ही मइंडसेट करके चलना चाहिए कि यदि रिश्तों में खटास आ जाए तो आप अपने को कैसे फाइनेंशियल रूप से सुरक्षित रख सकतीं हैं.
इसको लेकर Bright Side वेबसाइट ने एक लेख छापा है जिसमें उसने एक पत्र का उल्लेख किया है. लेख में कहा गया है कि एक महिला रीडर ने पत्र लिखा है कि मेरी शादीशुदा लाइफ सुखद है लेकिन मैं अपने घर का मालिकाना हक अपने पति के साथ शेयर नहीं करना चाहती हूं. वेबसाइट ने पत्र शेयर करते हुए अपने रीडर को कुछ टिप्स दिये हैं जिससे यदि जीवन में इस तरह की समस्या उनके सामने आये तो वह इस परिस्थिति से बाहर निकल जाए.
-यह आपका अधिकार है कि आप अपने नाम से संपत्ति बनाएं. यह दिमाग में ख्याल नहीं लाना चाहिए कि हमारी शादीशुदा जिंदगी आगे चलेगी या नहीं. हमें जीवन में हमेशा प्लान बी के साथ आगे बढ़ना चाहिए ताकि कोई भी जिंदगी में समस्या आये तो हम उसका सामाधान निकालने में समर्थ हों.
-अपने पति से इस बात की चर्चा हमेशा करते रहें कि शादी से पहले कुछ सहमति बनी थी. आपके पैरेंट्स ने शादी के वक्त बहुत कुछ दिया है. उस वक्त आपने हामी भरी थी और हम आगे बढ़े थे. समहति के अनुसार आपकी अपनी संपत्ति हो सकती है.
-अपने पति से बात करें और उन्हें समझाएं कि जीवन में आपका अपना भी कोई लक्ष्य है जिसे आप खुद की बदौलत पाना चाहतीं हैं. पति को ये भी समझाएं कि शादी के पहले भी आपने बहुत कुछ एचिव किया है. बातें ऐसे करें कि आपका जीवन साथी आपकी बातों से सहमत हो जाए.
-अपने जीवन साथी से ये बात करते वक्त एकदम नर्म बर्ताव रखें. उन्हें समझाएं कि परिवार फाइनेंशियल तौर पर कैसे स्ट्रांग हो सकता है. अभी वे पैरेंट्स के घर में हैं. यदि कोई जीवन में उतार-चढ़ाव होते हैं तो उस कठिनाई के दौर में क्या होगा यदि हम पहले से प्लान नहीं बताएंगे तो ?
-यदि आप अपने जीवनसाथी के साथ अपना आशियाना खरीदने पर सहमत हैं तो आपको इसके लिए अपने वकील से सलाह लेने की जरूरत है.