आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में 2009 के पीरपैंती थाने में दर्ज एक मुकदमे में लगातार अनुपस्थित रहने पर विधायक सह कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी किया है. प्रबल दत्ता की एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक के वकील की तरफ से कोर्ट में दाखिल बंधपत्र को रद्द करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. केस की तारीख फैसले के लिए थी और विधायक अनुपस्थित रहे, जिससे उनका बेल बांड केंसिल करते हुए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है.
बहुजन समाज पार्टी से 2009 चुनाव में भाग्य आजमाने वाले अजीत शर्मा के विरुद्ध पीरपैंती के टोपरा क्षेत्र में कपड़े का बैनर सरकारी पोल में लगा देखा गया था. क्षेत्र का मुआयना करने निकले तत्कालीन अंचल निरीक्षक उपेंद्र रजक ने बैनर जब्त किया था. बैनर में बहुजन समाज पार्टी के घोषित प्रत्याशी अजीत शर्मा की तस्वीर लगी थी. उन्होंने आसपास के लोगों से पूछताछ बाद पीरपैंती थाने में उनके विरुद्ध आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज कराया था. दर्ज केस में पुलिस की तफ्तीश बाद आरोप को सत्य पाते हुए पुलिस ने 17 मई 2009 में आरोप पत्र दाखिल किया था.
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से अजीत शर्मा को बिहार में मंत्री बनाए जाने के कयास तेजी से चल रहे थे. दरअसल जिले में उनके पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थकों ने जश्न भी मना रही थी. वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अजीत शर्मा ने भाजपा उम्मीदवार रोहित पांडेय को लगभग एक हजार वोट से हराया था. हालांक वारंट जारी होने के बाद उनके मंत्री पद पर ग्रहण लगया हुआ दिख रहा है. गौरतलब है कि इनकी दो बेटियां बॉलीवुड में अभिनेत्री है. मंत्री पद को लेकर वो भी चर्चा में आ गयी.