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Environment Science: प्रकृति से जोड़ें भविष्य, जानें रांची में कहां कर सकते हैं पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई

Environment Science: जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने में दिलचस्पी है, तो आप पर्यावरण विज्ञान में करियर बना सकते हैं. इस क्षेत्र में पढ़ाई करने के बाद न केवल आपको पद और प्रतिष्ठा मिलेगी, बल्कि आप पर्यावरण के संरक्षण में भी अहम योगदान दे सकेंगे.

Environment Science: पर्यावरण संकट और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के बारे में आपने बहुत सुना होगा. प्रकृति को बचाने के लिए बड़े-बड़े अभियान वैश्विक स्तर पर चल रहे हैं. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि अत्याधुनिक बनने की होड़ में पर्यावरण को किस कदर नुकसान हो चुका है. इसके दुष्परिणाम भी हमारे सामने हैं. इससे बचने की बात तो हर कोई करता है, लेकिन पर्यावरण को किस तरह से नुकसान हो रहा है, उसे कैसे रोका जा सकता है, उस पर कोई भी गंभीर नहीं दिखता है.

पर्यावरण विज्ञान में बनायें करियर

अगर आप को पर्यावरण से प्रेम है. जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने में दिलचस्पी है, तो आप पर्यावरण विज्ञान (Environment Science) में करियर बना सकते हैं. इस क्षेत्र में पढ़ाई करने के बाद न केवल आपको पद और प्रतिष्ठा मिलेगी, बल्कि आप पर्यावरण के संरक्षण में भी अहम योगदान दे सकेंगे. देश-दुनिया में बहुत से संस्थान हैं, जो पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई कराते हैं. अगर आप झारखंड के रहने वाले हैं और प्रदेश से बाहर जाकर पढ़ाई नहीं करना चाहते, तो आपके लिए रांची में ही यह कोर्स उपलब्ध है.

रांची में कहां करें पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई

जी हां. अब आप रांची में ही रहकर पर्यावरण विज्ञान (Environment Science) की पढ़ाई कर सकते हैं. प्रकृति से अपने भविष्य को जोड़ सकते हैं. रांची के मोरहाबादी स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (Dr Shyama Prasad Mukherjee University) का स्कूल ऑफ एनवायरनमेंट साइंस (School of Environment Science) आपको यह मौका दे रहा है. आप यहां बीएससी और एमएससी की पढ़ाई कर सकते हैं. वर्ष 2011 में स्थापित स्कूल ऑफ एनवायरनमेंट साइंस में हर साल अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के 60-60 विद्यार्थियों का नामांकन होता है.

पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई के लिए योग्यता

  • Eligibility For BSc in Environment Science: पर्यावरण विज्ञान में ग्रेजुएट की पढ़ाई करने के लिए आपको विज्ञान संकाय से इंटर की पढ़ाई करनी होती है. अगर आपने साइंस लेकर पढ़ाई की है और इंटर में आपको 55 फीसदी अंक मिले हैं, तो आप अंडरग्रेजुएट कोर्स यानी एनवायरनमेंट साइंस में बीएससी की पढ़ाई करने के योग्य हैं. आप इस कोर्स में दाखिला के लिए आवेदन कर सकते हैं.

  • Eligibility For MSc in Environment Science: अगर आप पर्यावरण विज्ञान में एमएससी की डिग्री लेना चाहते हैं, तो आपको बीएससी में कम से कम 45 फीसदी अंक के साथ उत्तीर्ण होना होता है. यानी ग्रेजुएशन में अगर आपने 45 फीसदी अंक हासिल किये हैं, तो पर्यावरण विज्ञान में एमएससी में दाखिले के लिए आवेदन करने के योग्य हैं.

उज्ज्वल है भविष्य

अगर आप पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई करते हैं, तो आप प्रकृति की सेवा तो करेंगे ही, अपना भविष्य भी संवार सकेंगे. इस क्षेत्र में काम तो बहुत है, लेकिन उसे करने वाले लोगों की संख्या काफी कम है. इसलिए सरकार और वैश्विक संस्थाएं विद्यार्थियों और शोधार्थियों को इस क्षेत्र में काम करने के लिए प्रेरित करती हैं. पर्यावरण की रक्षा करनी है, तो वैज्ञानिक सोच के साथ काम करना होगा. अगर अभी से जलवायु को बचाने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किये गये, तो मानव जाति के साथ-साथ धरती पर मौजूद जीव-जंतुओं का अस्तित्व भी संकट में आ जायेगा.

चुनौतियों से निपटना सिखाता है पर्यावरण विज्ञान

पर्यावरण विज्ञान के विद्यार्थियों को बताया जाता है कि हम प्रकृति को प्रदूषण से मुक्त कैसे कर सकते हैं. जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों से निपटने का कौशल विद्यार्थियों को सिखाया जाता है. पर्यावरण विज्ञान की शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों को ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ जागरूकता पैदा करना, चिंतन का एक ऐसा दृष्टिकोण पैदा करना है जो पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी है.

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