राजदेव पांडेय
तीन-चार युवाओं ने विधायक की गाड़ी में बैठे एक नेता से पूछा कि गर्दा भइल की ना. नेताजी ने गाड़ी में बैठे-बैठे कहा कि एक दम हो गइल. सरकार बन गइल, अब का. पसीने से लथपथ उन्हीं में एक युवक ने बोला बाकी त सब ठीक बा, ई बतावो कि गृह विभाग हमनी के मिलल की ना. यह सवाल-जवाब ही अधिकतर राजद कार्यकर्ताओं और युवा कैडर के जेहन में थे, जो राजभवन के बाहर शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर वहां पहुंचे थे. हालांकि इस सवाल की गहराई समझने वाले लोग जानते हैं कि कार्यकर्ताओं में सत्ता का बुखार किस तरह बढ़ रहा है.
शपथ ग्रहण के बाद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनके बड़े भाई तेज प्रताप ने अपने कैडर यूथ वोटर्स को अपने अंदाज में उत्साहित किया. सबसे पहले तेजस्वी यादव ने वाहन के ऊपर निकलते हुए दोनों हाथों से अभिवादन किया. कार्यकर्ताओं का हुजूम ने पूरी गाड़ी को काफी चौड़े घेरे में ले लिया. कार्यकर्ता जिंदा बाद के नारे लगा रहे थे. तेजस्वी और उत्साहित हुए. उन्होंने हाथ ऊपर उठा दिये. चारों तरफ घुमाने चालू कर दिये. कार्यकर्ताओं के हुजूम ने और जोशीले नारे लगाने शुरू कर दिये. इसके बाद तेजस्वी यादव ने मुठ्ठियां भींच कर एक क्रिकेटर की तरह अपने हाथों को घुमाना शुरू कर दिया. यही वह अदा थी, जिसने उनके यूथ कैडर वोटर को भरोसा दिलाया कि उनका नेता ,उनके बीच में है.
राजभवन के बाहर जितनी बेचैनी कार्यकर्ताओं में थी. उतनी बेचैनी अंदर से आ रहे पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में नहीं दिखी. हां, पार्टी के विधायकों ने चुप्पी साध रखी थी. अधिकतर विधायकों के लोग मीडिया से मंत्री पद की सूची में कौन-कौन शामिल हैं? पूछते दिखे. राजभवन से निकले लोगो में विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी जैसे नेता भी दिखे, जिनका कहना था कि बिहार का यह बदलाव ,पूरे देश में महसूस होगा. हम लोगों ने फासिस्ट भाजपाइयों को सरकार से बेदखल कर दिया है. हम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे