World Biofuel Day 2022: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा हर साल 10 अगस्त को World Biofuel Day यानि विश्व जैव ईंधन दिवस के रूप में नया जाता है. विश्व जैव ईंधन दिवस को ईंधन के अपरम्परागत स्रोतों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है. ऐसे जीवाश्म स्रोत जो ईंधन के विकल्प के रूप में काम कर सकते हैं. जैव ईंधन को ऊर्जा के किसी भी स्रोत जो जैविक सामग्री हो जैसे कृषि अपशिष्ट, फसल, पेड़ या घास से निकाला जाता है.
कार्बन के किसी भी स्रोत से जैव ईंधन का उत्पादन किया जा सकता है. पारम्परिक जीवाश्म ईंधन की तुलना में जैव ईंधन में सल्फर नहीं होता है और कार्बन मोनोऑक्साइड और विषाक्त उत्सर्जन भी कम होता है. आइए विश्व जैव ईंधन दिवस पर इसके महत्त्व , इतिहास और इस वर्ष की थीम जैसी महत्त्वपूर्ण जानकारी इस लेख से प्राप्त करते हैं.
ये दिवस सर रुडॉल्फ डीजल के किए अनुसंधान प्रयोग के सम्मान में मनाया जाता है. 1853 में, उन्होंने मूंगफली के तेल से ईंजन चलाया. उनके प्रयोग ने बाद की सदी में विभिन्न यांत्रिक इंजनों को ईंधन देने के लिए जीवाश्म ईंधन की जगह सब्जी के तेल का दरवाजा खोला.
लोग वाहनों के लिए नेचुरल गैस और फ्यूल की उच्च कीमतों का पेमेंट कर रहे हैं, आने वाले सालों में इन दोनों की कीमत और बढ़ेगी जो हमारे बजट को नुकसान पहुंचाएगी और इससे बचने का कोई दूसरा तरीका नहीं है या फिर लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल का यूज करें. जिससे वे ईंधनों में पैसा वेस्ट करने से बच सकते हैं.
लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन हर कोई अफॉर्ड नहीं कर सकता है. इसलिए जैव इंधन का महत्व बढ़ना ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह ईंधन की कीमतों की तुलना में सस्ते हैं और ऊर्जा के बहुत अच्छे सोर्स हैं. जो प्रदूषण भी फैलाते नहीं है. इसलिए इस दिन को इसके महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है.
विश्व जैव ईंधन दिवस 2022 के लिए पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों पर जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना (To promote the use of biofuel over conventional energy resources) थीम रखी गई है.
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ये ऊर्जा के नवीकरणीय और जैव निम्नीकरणीय स्रोत हैं.
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जैव ईंधन, किसी भी प्रकार की जैविक सामग्री जैसे कृषि अपशिष्ट, या पेड़ और फसलों सहित वनस्पति से उत्पन्न हो सकता है.
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जैव ईंधन नवीकरणीय संसाधनों से बना है और जीवाश्म डीजल की तुलना में अपेक्षाकृत कम ज्वलनशील है. इसमें काफी बेहतर चिकनाई गुण होते हैं.
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यह मानक डीजल की तुलना में कम हानिकारक कार्बन उत्सर्जन का कारण बनता है.
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कोयले और तेल के जलने से तापमान में वृद्धि होती है और ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनता है. इसके विपरीत जैव ईंधन ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव को कम करते हैं.
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इसके उपयोग से पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति मिलती है.