Lucknow News: छात्रों के हक की बात हो और वरुण गांधी आवाज न उठाएं, ऐसा तो हो ही नहीं सकता, फिर चाहें बात भर्ती प्रक्रिया में देरी की हो या किसी परीक्षा में धांधली या फिर किसी पेपर के लीक होने का मामला हो. बीजेपी सांसद अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने में जरा भी संकोच नहीं करते. इस बीच उन्होंने रोजगार सृजन के मुद्दे पर छात्रों की आवाज बनकर सरकार का घेराव किया है. साथ ही लगातार टल रही परीक्षा और भर्तियों के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है.
बीजेपी नेता ने ट्वीट कर लिखा, ‘देश भर में प्रतियोगी छात्र लगातार संघर्षरत है! लटकी हुई भर्तियाँ और अटका हुआ भविष्य, युवा जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय कभी आंदोलन तो कभी कोर्ट के चक्कर काट गंवा रहा है. अब भी हम रोजगार सृजन को लेकर गम्भीर नहीं हुए तो युवाओं के साथ साथ राष्ट्र का भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा.’
इससे पहले 1 अगस्त को वरुण गांधी ने यूपी की परीक्षाओं से पहले पेपर लीक या फिर परीक्षाओं में नकल माफियों के आतंक को लेकर योगी सरकार का जमकर घेराव किया. उन्होंने एक दो नहीं बल्की कई ऐसी भर्ती परीक्षाओं के नाम गिना दिये, जिनमें नकल माफिया छाए रहे. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘यूपी पुलिस, UPPCL, UPSSC, नलकूप आपरेटर, PET, UPTET, B.Ed, NEET, आदि परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद अब राजस्व लेखपाल की परीक्षा में नकल माफिया छाए रहे. आखिर कब तक संगठित रूप से चलित शिक्षा माफिया युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता रहेगा? यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है!’
वरुण गांधी ने इससे पहले किए गए ट्वीट में किसी राज्य सरकार की नहीं बल्कि केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए किए गए आवेदन के आंकड़ों को साझा करते हुए गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ससंद में सरकार द्वारा दिए गए यह आंकड़े बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं. विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया जिसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका है.जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है?
ससंद में सरकार द्वारा दिए गए यह आँकड़े बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 28, 2022
विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया जिसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका है।
जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है? pic.twitter.com/3NCVHPdK87