23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वरुण गांधी बोले- घटते रोजगार और लटकी भर्तियों से अंधेरे में न चला जाए छात्रों के साथ राष्ट्र का भविष्य

वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा, देश भर में प्रतियोगी छात्र लगातार संघर्षरत है! लटकी हुई भर्तियां और अटका हुआ भविष्य, युवा जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय कभी आंदोलन तो कभी कोर्ट के चक्कर काट गंवा रहा है. अब भी हम रोजगार सृजन को लेकर गम्भीर नहीं हुए तो...

Lucknow News: छात्रों के हक की बात हो और वरुण गांधी आवाज न उठाएं, ऐसा तो हो ही नहीं सकता, फिर चाहें बात भर्ती प्रक्रिया में देरी की हो या किसी परीक्षा में धांधली या फिर किसी पेपर के लीक होने का मामला हो. बीजेपी सांसद अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने में जरा भी संकोच नहीं करते. इस बीच उन्होंने रोजगार सृजन के मुद्दे पर छात्रों की आवाज बनकर सरकार का घेराव किया है. साथ ही लगातार टल रही परीक्षा और भर्तियों के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है.

युवाओं के भविष्य को लेकर वरुण गांधी ने जताई चिंता

बीजेपी नेता ने ट्वीट कर लिखा, ‘देश भर में प्रतियोगी छात्र लगातार संघर्षरत है! लटकी हुई भर्तियाँ और अटका हुआ भविष्य, युवा जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय कभी आंदोलन तो कभी कोर्ट के चक्कर काट गंवा रहा है. अब भी हम रोजगार सृजन को लेकर गम्भीर नहीं हुए तो युवाओं के साथ साथ राष्ट्र का भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा.’

युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कब तक?- वरुण गांधी

इससे पहले 1 अगस्त को वरुण गांधी ने यूपी की परीक्षाओं से पहले पेपर लीक या फिर परीक्षाओं में नकल माफियों के आतंक को लेकर योगी सरकार का जमकर घेराव किया. उन्होंने एक दो नहीं बल्की कई ऐसी भर्ती परीक्षाओं के नाम गिना दिये, जिनमें नकल माफिया छाए रहे. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘यूपी पुलिस, UPPCL, UPSSC, नलकूप आपरेटर, PET, UPTET, B.Ed, NEET, आदि परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद अब राजस्व लेखपाल की परीक्षा में नकल माफिया छाए रहे. आखिर कब तक संगठित रूप से चलित शिक्षा माफिया युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता रहेगा? यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है!’

22 करोड़ युवाओं ने किया आवेदन सिर्फ 7 लाख को मिला रोजगार

वरुण गांधी ने इससे पहले किए गए ट्वीट में किसी राज्य सरकार की नहीं बल्कि केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए किए गए आवेदन के आंकड़ों को साझा करते हुए गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ससंद में सरकार द्वारा दिए गए यह आंकड़े बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं. विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया जिसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका है.जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है?

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें