पटना. आइएसआइ के लिए धन जुटाने के आरोप में गिरफ्तार पटना के दीघा का मोहसिन अहमद की गिरफ्तारी के बाद पटना पुलिस भी सतर्क हो गयी है. फिलहाल एनआइए ने पटना पुलिस से संपर्क नहीं किया है. सूत्र बताते हैं कि पटना के खगौल, दीघा और फुलवारीशरीफ में छापेमारी हो सकती है. एनआइए टीम कभी भी पटना आ सकती है. इधर पटना पुलिस भी अपने स्तर से उसके बारे में जानकारी जुटा रही है. साथ ही खुफिया एजेंसी की भी दीघा में नजर है. एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि अभी तक जांच एजेंसी पटना पुलिस से संपर्क नहीं की है. पुलिस अपने स्तर भी उसके परिवार के बारे में जो भी जानकारी है, उसे जुटा रही है.
मोहसिन पर आरोप है कि भारत और विदेश में रहने वाले आइएस के समर्थकों से धन इकट्ठा कर वह क्रिप्टो करेंसी में बदलकर सीरिया भेज देता था. इससे पहले फुलवारीशरीफ में दर्जगजवा-ए-हिंद मामले की जांच भी एनआइए कर रही है. एक महीने के भीतर भले ही दो अलग-अलग मामलों में दो जगहों पर गिरफ्तारी हुई, लेकिन दोनों पटना के है. साथ ही दोनों मामलों में क्रिप्टो करेंसी से फंड की सामने आ चुकी है.
दूसरे दिन सोमवार को दीघा के न्यू कालोनी में सन्नाटा पसरा हुआ था. दिल्ली में ऐसा कैसे हो गया, किसी को यकीन नहीं हो रहा. उसके घर में उसकी छोटी बहन और रिश्तेदार मौजूद थे. आसपास के लोगों ने बताया कि उसके पिता, मां और बहन दिल्ली गये हुए हैं. पढ़ने के लिए वह दिल्ली गया था. लाॅकडाउन में वह मुहल्ले के लोगों के साथ जरूरतमंदों की मदद में जुटा था. मुहल्ले में गिरफ्तारी की खबर सभी को थी, लेकिन कोई कुछ बोलने का तैयार नहीं था. हालांकि, उसके घर के आसपास के लोग का कहना था कि मोहसिन सरल स्वभाव का है और उसका किसी से कभी कोई विवाद तक नहीं हुआ था.
इधर दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आइएसआइएस के एक सक्रिय सदस्य मोहसिन को पूछताछ के लिए 16 अगस्त तक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) की हिरासत में भेज दिया है. जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने जांच एजेंसी द्वारा दाखिल एक अर्जी पर आरोपी मोहसिन अहमद की पेशी के बाद उसकी न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी. अहमद मूल रूप से पटना के दीघा का रहने वाला है.
एनआईए ने कहा कि अहमद आइएसआइएस का कट्टर और सक्रिय सदस्य है. उसे भारत में सहानुभूति रखने वालों से आइएसआइएस के लिए धन इकट्ठा करने में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जांच एजेंसी ने कहा कि मोहसिन इस धन को आइएसआइएस की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के रूप में भेजता था.