पटना के पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने एक बार फिर नालंदा के दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. दोनों के पास से विभिन्न बैंकों के 16 एटीएम कार्ड, 75 हजार रुपये कैश और एक रजिस्टर मिला है, जिसमें ठगी के पैसे का पूरा ब्योरा लिखा है. इसके अलावा तीन मोबाइल फोन और एक अपाची बाइक भी बरामद हुई है.
दरअसल, सोमवार को कंकड़बाग के जलेश्वर महादेव मंदिर मोड़ के पास गश्ती कर रही पुलिस की नजर बाइक सवार दो युवक पर पड़ी. पुलिस जैसे ही पूछताछ के लिए उतर ही रही थी कि दोनों युवक बाइक छोड़ भागने लगे. यह देख पुलिस ने करीब एक किमी तक पीछा करने के बाद दोनों को पकड़ लिया गया. इस दौरान दोनों पुलिस से भी भीड़ गये.
दोनों को किसी तरह पुलिस गिरफ्तार कर थाने लायी. जांच के बाद पता चला कि दोनों साइबर शातिर हैं. गिरफ्तार साइबर शातिरों में नालंदा जिले के अस्थावां थाने के राजा बिगहा गांव के 20 वर्षीय संजीव कुमार और दूसरा नालंदा जिले के ही मानपुर थाने के इटौरा गांव का 33 वर्षीय जीतेंद्र कुमार हैं.
बरामद रजिस्टर में डेट वाइज ट्रांजेक्शन डिटेल लिखा गया है. पूछताछ में दोनों ने बताया कि हर दिन करीब चार से पांच लाख रुपये का ट्रांजेक्शन करते थे. बिजली काटने, कोरोना टीका, एजेंसी दिलाने, राशन कार्ड के अलावा अन्य तरीकों से पिछले पांच साल में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन कर चुके हैं. पुलिस के अनुसार अगर केवल चार से पांच लाख रुपये के हिसाब से भी एक माह का ठगी देखें, तो डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करते हैं. केवल यही नहीं, किस शख्स से कितने की ठगी की गयी और गिरोह के किस सदस्य ने यह कारनामा किया है, उसका भी ब्योरा था.
पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र के एक पॉश इलाके में 16 हजार रुपये प्रतिमाह पर एक फ्लैट ले रखा है. उसी में पूरा गिरोह रहता है. निशानदेही पर जब पुलिस ने छापेमारी की, तो वह भी दंग रह गयी. हाइ क्लास के फ्लैट में ठगों ने हर सुख-सुविधा का इंतजाम कर रखा था. हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले ही बाकी के सदस्य फरार हो गये. साइबर शातिर के पैकेट से विभिन्न राज्यों से लिये गये पांच अलग-अलग सिम भी जब्त किये गये हैं.
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पूछताछ में पुलिस को दोनों ने बताया कि इस पूरे गिरोह में कुल आठ सदस्य हैं. सभी के काम बांट दिये गये हैं. ये सभी नालंदा में ही साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग ली और गिरोह बनाकर ठगी शुरू कर दी. इसके बाद गिरोह के लोग फोन डायरेक्टरी से नंबर लेकर उसे ठगी का शिकार बनाते हैं. बताया जा रहा है कि ठगों ने कई वीआइपी और वीवीआइपी लोगों से ठगी कर चुके हैं.