पटना. बिहार में माॅनसून में कमी के चलतेधान का कटोरा कहे जानेवाले जिलों में भी रोपनी के लिए खेत खाली हैं. कृषि विभाग की चार अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार धान का कटोरा की 36% रोपनी बाकी है. पठारी क्षेत्र की भी उम्मीद टूट गयी है. इस इलाके के किसानों की मुश्किल सबसे अधिक है. यहां 40% धान नहीं रोपा जा सका है. इससेधान की पैदावार कम होती दिख रही है. इस वर्ष धान की रोपनी का लक्ष्य 35 लाख 12 हजार 023 हेक्टेयर में है.
बिहार में माॅनसून में कमी के चलते धान की रोपनी पर सीधा असर पड़ा है. धान का कटोरा में भी रोपनी के लिए अभी भी खेत खाली हैं. इस इलाके में कैमूर, रोहतास, बक्सर, भोजपुर और औरंगाबाद शामिल हैं. कृषि विभाग की चार अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार धान का कटोरा की 36% रोपनी बाकी है. यहां करीब 64% ही रोपनी हुई है, जो राज्य औसत से करीब छह फीसदी कम है. पठारी क्षेत्र की भी उम्मीद टूट गयी है. इस इलाके के किसानों की मुश्किल सबसे अधिक है. गया, जहानाबाद , बांका, मुंगेर, नवादा और औरंगाबाद जिलों में 40% धान नहीं रोपा जा सका है. इससे धान की पैदावार कम होती दिख रही है.
जिला लक्ष्य रोपनी लक्ष्य
-
औरंगाबाद 160442 50510 31%
-
भोजपुर 116804 91585 78%
-
बक्सर 97702 70345 72%
-
कैमूर 110389 64069 58%
-
रोहतास 205570 171696 84%
इस वर्ष धान की रोपनी का लक्ष्य 35 लाख 12 हजार 023 हेक्टेयर में है. इसके विरुद्ध चार अगस्त तक 24 लाख 42 हजार 898 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपनी हो चुकी है. राज्य में अब तक 69.56 फीसदी रोपनी हो गयी है. 23 जुलाई तक मात्र 7,97,086 हेक्टेयर में रोपनी हुई थी. यह कुल लक्ष्य का 23 फीसदी था. पिछले 18 दिनों में पूरे प्रदेश में भले ही 46.56 फीसदी रोपनी का रकबा बढ़ा है.
जिला लक्ष्य रोपनी लक्ष्य
-
गया 181832 45034 25%
-
बांका 98786 9614 10%
-
जहानाबाद 48348 17707 37%
-
मुंगेर 34967 3498 10%
-
नवादा 79690 14024 18%
-
लखीसराय 37739 8266 22%
धान की रोपनी के लक्ष्य का मानक पूर्णिया में पूर्ण हो गया है. इस जिले ने 97013 हेक्टेयर में रोपनी कर 100 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है. जमुई फिसड्डी साबित हो रहा है. जमुई को 63935हेक्टेयर में रोपनी करनी है, लेकिन चार अगस्त तक मात्र 2441 हेक्टेयर में ही रोपनी हुई है. यह लक्ष्य का चार फीसदी है.