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बिहार के बूचड़खानों की संख्या पर पटना हाईकोर्ट की नजर, सरकार से मांगी 4 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट

पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार और पटना नगर निगम को नगरपालिका सीमा के भीतर कानूनी रूप से स्थापित बूचड़खानों की संख्या पर चार हफ्ते के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी.

पटना. पटना में बूचड़खाने को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को तलब किया है. शहर में कानूनी रूप से कितने स्लॉटर हाउस हैं, इस पर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी है. पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार और पटना नगर निगम को नगरपालिका सीमा के भीतर कानूनी रूप से स्थापित बूचड़खानों की संख्या पर चार हफ्ते के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी.

जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आदेश

चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस. कुमार की खंडपीठ ने वकील संजीव कुमार मिश्रा की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. इसमें राज्य सरकार और पटना नगर निगम को पर्यावरण, सिविक हेल्थ और स्वच्छता से संबंधित जरूरी नियमों के संबंध में निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही जानवरों के साथ क्रूरता को रोकने वाले कानून के बारे में डिटेल्स पेश करने का निर्देश दिया गया है.

इन बातों का उल्लेख

पटना हाईकोर्ट के वकील और याचिकाकर्ता संजीव कुमार ने अदालत से सार्वजनिक जगह पर जानवरों के वध की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि ये अनहाइजनिक और संक्रामक है. खास तौर से स्कूली बच्चों के लिए बेहद असुरक्षित है. याचिकाकर्ता ने अदालत से यह भी आग्रह किया है कि वह संबंधित अधिकारियों को केवल नगर निगम की चुनी हुई जगह और तय इलाकों में मांस, मछली और चिकन की बिक्री की अनुमति देने का निर्देश दें.

अब 30 अगस्त को मामले में सुनवाई

जनहित याचिका को ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए अहम’ बताते हुए, खंडपीठ ने सरकार और नगर निगम से पर्यावरण और नगरपालिका कानूनों के तहत विस्तृत जवाब मांगा है. अब इस मामले की सुनवाई 30 अगस्त को होगी.

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