भागलपुर: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नवगछिया के तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी ने अपने पिता के वाहन को किराये पर लिया. खुद इसका उपयोग किया और बिना बिल प्रत्येक माह किराये का भुगतान कर दिया. मामला सामने आने पर सिविल सर्जन ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया. इसकी रिपोर्ट आने के बाद सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने किराये की राशि तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन से काटने का आदेश दिया है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवगछिया के तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वरुण कुमार पर अपने पद का उपयोग निजी लाभ के लिए करने का आरोप है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत चिकित्सा दल के लिए अक्तूबर 2021 से अप्रैल 2022 तक मासिक किराया 30 हजार रुपया प्रति माह पर किराये पर वाहन लिया. वाहन का किराया दो लाख 10 हजार रुपया वाहन मालिक सुशील मोहन मंडल के बैंक खाते में भुगतान कर दिया गया. वाहन मालिक सुशील मोहन मंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वरूण कुमार के पिता हैं.
जांच के क्रम में पाया गया कि वाहन मालिक ने वाहन का बिल भी जमा नहीं किया. इसके बाद भी प्रत्येक माह इनके खाते में राशि भेजी गयी. इस लापरवाही को विभाग ने गंभीर वित्तीय अनियमियता माना है. जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि डॉ. वरूण ने चिकित्सा दल के आरबीएसके आयुष चिकित्सक पर दबाव डाल इस कार्यक्रम अंतर्गत दो वाहनों के लॉगबुक पर हस्ताक्षर करा कर अवैध निकासी कराते थे. जबकि चिकित्सा दल एक ही वाहन का उपयोग किया करते थे. डॉ. वरूण ने वाहन के मासिक किराया की राशि की निकासी आबीएसके कार्यक्रम के वाहन मद से की. जबकि किराये पर लिये वाहन का उपयोग खुद किया.
जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कार्रवाई की है. उन्होंने पत्र जारी करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवगछिया के तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वरुण से राशि वसूल करने का आदेश दिया है. पत्र में सीएस ने कहा है अवैध तरीके से जो राशि वाहन मालिक को भुगतान किया गया है, इसकी वसूली डॉ. वरुण कुमार के वेतन से की जाये.