पटना. राज्य सरकार सचिवालय से लेकर जिला कार्यालयों में संविदा पर काम करने वाले सभी राज्य कर्मियों का डेटाबेस तैयार करने में जुट गयी है. नियमित सरकारी कर्मियों की तरह उनकी सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) तैयार की जा रही है, जिसमें उनके नियोजन से लेकर लिये जाने वाले अवकाश का पूरा रिकॉर्ड रखा जायेगा. सेवा पुस्तिका के लिए सभी संविदा कर्मियों को निर्धारित फॉर्मेट के तहत अंगूठे सहित हाथ की पांचों अंगुलियों की छाप देनी होगी.
सामान्य प्रशासन विभाग के मुताबिक संविदा कर्मियों की सेवा पुस्तिका तैयार करने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग और कार्यालय को दी गयी है. हर विभाग में इसके लिए अलग से नोडल पदाधिकारी बनाये गये हैं. सेवा पुस्तिका में संविदा कर्मी का नाम, स्थायी पता, पिता का नाम, राष्ट्रीयता, एससी-एसटी से होने पर उसका ब्योरा, जन्मतिथि, आधार नंबर, शैक्षणिक योग्यता, लंबाई, शरीर पर पहचान के चिह्न, योजना- परियोजना का नाम, संविदा नियोजन की अवधि आदि की जानकारी रहेगी. इसे हर पांच वर्ष पर अपडेट किया जायेगा. एक अनुमान के मुताबिक इस व्यवस्था से करीब 4.5 लाख संविदा कर्मियों का रिकॉर्ड राज्य सरकार के पास उपलब्ध होगा.
संविदा पर नियोजित कर्मियों की सेवा नियमित किये जाने की मांग पर गठित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं के आधार पर राज्य सरकार यह कार्रवाई कर रही है. अप्रैल 2015 में गठित यह समिति ने अगस्त 2018 में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी. समिति ने ऐसे कर्मियों को स्थायीव अस्थायी दो श्रेणियों में बांट कर अपनी अनुशंसा दी.
इसके आलोक में सामान्य प्रशासन विभाग ने जनवरी 2021 में संविदा के आधार पर नियोजन की प्रक्रिया एवं मार्गदर्शक सिद्धांत को लेकर संकल्प जारी किया है. सेवा पुस्तिका तैयार किये जाने को लेकर जनवरी 2022 में सभी विभागों को फॉर्मेट तैयार कर भेजा गया.