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Bachendri Pal: फिट@50 प्लस अभियान में महिलाओं ने 35 दुर्गम दर्रों को किया पार, दिखाया दम

पद्म भूषण बछेंद्री पाल और उनकी टीम ने 8 मार्च 2022 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को दिल्ली से यात्रा शुरू की थी. टीम ने नेपाल और भूटान के 35 दुर्गम दर्रों को पार करते हुए कुल 4841 किमी की दूरी 140 दिनों में तय की है.

Lucknow: माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला पद्म भूषण बछेंद्री पाल (Bachendri Pal) शनिवार को लखनऊ में थी. उन्होंने ‘फिट@50 प्लस ट्रांस हिमालयन अभियान’ के सदस्यों के साथ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) लखनऊ में एक प्रेरक भाषण दिया. उन्होंने बताया कि कैसे कम संसाधनों के बावजूद माउंड एवरेस्ट को फतह किया.

140 दिनों में 4851 किलोमीटर की दूरी तय की

पद्म भूषण बछेंद्री पाल (Padma bhushan Bachendri Pal) ने बताया कि फिट@50 प्लस ट्रांस हिमालयन अभियान’ ने 35 उच्च पर्वतीय दर्रों में 140 दिनों में 4841 किमी की दूरी तय की. इस अभियान को टाटा स्पोर्ट्स क्लब का सहयोग था. उन्होंने कहा कि 13 सदस्यीय टीम की सभी महिलाओं ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की है. 50 से अधिक उम्र की महिलाओं को माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए ले जाने का सबसे बड़ा कारण समाज को यह संदेश देना था कि उम्र और लिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता.

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला

फिट@50 प्लस ट्रांस हिमालयन अभियान’ टीम का नेतृत्व करने वाली बछेंद्री पाल ने (Bachendri Pal) 1984 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला (दुनिया में पांचवीं) बनने गौरव प्राप्त किया था. उत्तराखंड के एक गरीब परिवार और ग्रामीण इलाके होने के बावजूद अपनी सफलता की जानकारी दी. वह वर्तमान में 68 वर्ष की आयु में भी सक्रिय और गतिशील जीवन जारी रख रही हैं.

उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कैसे गरीबी और सीमित साधनों में रहते हुए भी उन्होंने पढ़ाई की, लक्ष्य निर्धारित किये और उन्हें पूरा कर देश भर में अपनी अलग पहचान बनायी. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को अच्छी शिक्षा लेने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के लिए भी प्रेरित किया.

दृढ़ निश्चचय के दम पर कठिन यात्रा पूरी की

बीबीएयू के कुलसचिव डॉ. अश्विनी सिंह ने कहा कि आप सभी महिलाओं के हौसले को सलाम, जिन्होंने अपने दृढ़ निश्चय के बल पर यह कठिन यात्रा पूरी की है. उन्होंने कहा कि सभी को बछेंद्री पाल (Bachendri Pal) के जीवन से प्रेरणा लेते हुए जीवन में प्रगति पथ पर मजबूत मनोबल के साथ आगे बढ़ना चाहिए. डीएसडब्लू प्रो. बीएस भदौरिया ने कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए काफी प्रेरक रहा होगा. इससे विद्यार्थियों के जीवन को एक नई दिशा और ऊर्जा मिली होगी.

इस मौके पर एनसीसी ग्रुप मुख्यालय लखनऊ के लगभग 500 एनसीसी कैडेट भी मौजूद थे. टीम को यूपी एनसीसी निदेशालय लखनऊ ने मेडल दिये. इस मौके पर आज़ादी का अमृत महोत्सव समिति की अध्यक्ष प्रो. शिल्पी वर्मा, कैप्टन (डॉ.) राजश्री भी मौजूद थीं.

पद्म भूषण बछेंद्री पाल की टीम

कार्यक्रम में चेतना साहू (उम्र -54), (सेवानिवृत्त- मेजर कृष्णा दुबे (उम्र -59), सविता धपवाल (उम्र -52), गंगोर्ती सोनेजी (उम्र -62), वसुमति श्रीनिवासन (उम्र 68), एल अन्नपूर्णा (उम्र- 53), पायो मुर्मू (उम्र-53), डॉ. सुषमा बिस्सा (उम्र -55), शामला पद्मनाभन (उम्र-64) ने भी अपने अनुभव साझा किए. Bachendri Pal ने बताया कि सभी महिलाओं ने अपनी साहसिक यात्रा 8 मार्च 2022 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नई दिल्ली से शुरू की थी. नेपाल और भूटान के 35 दुर्गम दर्रो को पार करते हुए कुल 4841 किमी की दूरी 140 दिनों में तय की है.

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