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ITR में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र नहीं किया, तो लग सकता है जुर्माना, जानें बचने का तरीका

Income Tax Return Update: सरकार ने क्रिप्टो एसेट्स या वर्चुअल डिजिटल असेट्स के लिए एक विशेष कराधान व्यवस्था शुरू की है. इसके तहत, क्रिप्टो एसेट्स की बिक्री से होनेवाले लाभ पर 30 प्रतिशत की एक समान दर से टैक्स लगाया जाता है.

ITR Update: क्या आपने इस साल आयकर रिटर्न (Income Tax Return) में अपने क्रिप्टो एसेट्स (Crypto Assets) का जिक्र किया है? अगर नहीं, तो समय रहते अपना टैक्स रिटर्न रिवाइज्ड (Revised Return) कर लें. आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अंतिम दिन की समयसीमा समाप्त होने पर 5.83 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किये जा चुके थे.

30 प्रतिशत की एक समान दर से टैक्स

मौजूदा वित्तीय वर्ष से, सरकार ने क्रिप्टो एसेट्स या वर्चुअल डिजिटल असेट्स (VDA) के लिए एक विशेष कराधान व्यवस्था (Special Taxation System) शुरू की है. इसके तहत, क्रिप्टो एसेट्स की बिक्री (Crypto Assets Sale) से होनेवाले लाभ पर 30 प्रतिशत की एक समान दर से टैक्स लगाया जाता है. चाहे आपका टैक्स स्लैब कुछ भी हो. साथ ही, इसमें क्रिप्टो से हुआ लॉस भी मायने नहीं रखता.

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Income Tax Act में नया सेक्शन 194S

डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर टैक्स के लिए इनकम टैक्स एक्ट में 194एस नाम से नया सेक्शन जोड़ा गया है. इसके अलावा, एक निश्चित सीमा से अधिक ऐसी संपत्ति के हस्तांतरण पर 1% कर (टीडीएस) काटा जाएगा. टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, आयकरदाता को पिछले वित्तीय वर्षों के लिए क्रिप्टो संपत्ति से लाभ पर भी कर का भुगतान करना होता है.

आय की कम गलत रिपोर्टिंग

टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति 31 जुलाई की समय सीमा के भीतर आईटीआर में क्रिप्टो लाभ का विवरण दर्ज करना भूल जाता है, तो इसे कम रिपोर्टिंग या आय की गलत रिपोर्टिंग के रूप में माना जाएगा. इस मामले में कर चोरी के 200% तक का जुर्माना लगाया जाएगा. ऐसे व्यक्ति को मुकदमे का भी सामना करना पड़ सकता है.

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रिटर्न को संशोधित कर लें

आयकर विशेषज्ञों का सुझाव है कि जो व्यक्ति क्रिप्टो लाभ की रिपोर्ट नहीं कर पाये हैं, उन्हें तुरंत अपने रिटर्न को संशोधित करना चाहिए. लोग आयकर पोर्टल पर जा सकते हैं, जहां उनके खाते में लॉग इन करने के बाद, उन्हें संशोधित रिटर्न दाखिल करने का विकल्प मिलेगा.

5 हजार रुपये के जुर्माने के लिए उत्तरदायी

आयकर अधिनियम की धारा 234F के अनुसार, रिटर्न दाखिल करने में देरी 31 जुलाई से अधिक होने पर करदाता 5,000 रुपये के जुर्माने के लिए उत्तरदायी होंगे. अगर आय 5 लाख से अधिक नहीं है, तो जुर्माना 1,000 रुपये है, जिसे संशोधित आईटीआर दाखिल करने से पहले आयकरदाता द्वारा अनिवार्य रूप से भुगतान किया जाना है.

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