जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान शनिवार को किया है. इस्तीफे में उन्होंने पार्टी के कुछ लोगों पर उनके खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत भी दिया है. गौरतलब है जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा था. आरसीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर बिहार का राजनीतिक माहौल गरम हो गया. जदयू ने आरसीपी सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पार्टी में रहते हुए अकूत संपत्ति बनाई है. JDU नेताओं ने RCP सिंह पर 9 साल में 58 प्लॉट खरीदने का गंभीर आरोप लगाया. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस संपत्ति का ब्योरा जदयू के नेताओं ने जुटाया है. रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों बेटियों लिपि सिंह, लता सिंह के नाम पर हैं. नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें कहा गया है कि आपके और आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. आरोप यह भी है कि आरसीपी सिंह ने 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इन संपत्तियों का जिक्र नहीं किया है.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने जो नोटिस आरसीपी सिंह को भेजा है, उसमें RCP सिंह ने जो संपत्ति खरीदी है उसका बिंदुवार जिक्र किया गया है. जदयू ने नोटिस में यह आरोप लगाया है कि आरसीपीसी सिंह ने नालंदा जिला के दो प्रखंड में 40 बीघा जमीन खरीदी और जमीन के इस खेल में दान में जमीन लेकर उसका खरीद बिक्री किया गया. इन सभी संपत्तियों का जिक्र चुनावी हलफनामे में नहीं किया गया जदयू ने एक और बड़ा आरोप आरसीपी सिंह पर लगाया कि उन्होंने जमीन के खरीद में अपनी पत्नी के नाम में भी हेराफेरी की है. हालांकि जदयू के द्वारा नोटिस भेजे जाने पर आरसीपीसी ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.