21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड के पलाश मार्ट में उपलब्ध हैं सखी मंडल की बनायी राखियां, जैविक सामग्री से बनी राखियों की डिमांड

राज्य के पलाश मार्ट में झारखंड की सखी मंडल की बनायी राखियां उपलब्ध हैं. झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी, ग्रामीण विकास विभाग की ओर से इन ग्रामीण महिलाओं को राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही इनके द्वारा निर्मित राखी की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पलाश ब्रांड के तहत की जी रही है.

Ranchi News: रक्षाबंधन के मौके पर झारखंड की सखी मंडल की महिलाएं राखी बना रही हैं. रेशम के धागे से बनी राखी इस बार आकर्षण का केंद्र हैं. झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी (JSLPS), ग्रामीण विकास विभाग की ओर से इन ग्रामीण महिलाओं को राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही इनके द्वारा निर्मित राखी की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पलाश ब्रांड के तहत की जी रही है.

आठ जिले की 550 से अधिक महिलाएं बना रही राखी

राज्य के 8 जिलों में रांची, हजारीबाग, दुमका, गिरिडीह, रामगढ, बोकारो, धनबाद और लोहरदगा के लगभग 75 स्वयं सहायता समूहों की 550 से अधिक माहिलाएं राखी बना कर बिक्री कार्य से सीधे तौर पर जुड़कर अपनी उद्यमिता के अवसरों को बढ़ा रही हैं. अब तक सखी मंडल की प्रशिक्षित दीदीयों ने 25,000 से अधिक आकर्षक राखियां बनायी हैं. संबंधित जिलों के पलाश मार्ट एवं पलाश प्रदर्शनी सह बिक्री काउंटर के माध्यम से जिला व प्रखण्ड स्तर पर बिक्री भी की जा रही है. राखी निर्माण की इस पहल से दीदियों की अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है.

राखियों में जैविक सामग्री का इस्तेमाल

राज्य की सखी मंडल के उत्पादों को पलाश के जरिए एक नई पहचान मिली है और आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है. हाथ से बनी राखियां लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन रही है. इन महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण के तहत जैविक सामग्री का उपयोग करते हुए 20-25 प्रकार की राखी बनाने की कला सिखाई गई है. अब अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए माहिलाएं जैविक सामग्री जैसे – धान, चावल, मौली धागा, सूती धागा, रेशम धागा, मोती, बुरादा, हल्दी, आलता आदि का उपयोग कर विभिन्न डिजाइन की राखियां तैयार कर रही हैं.

सखी मंडल के सदस्यों में उत्साह

हजारीबाग सखी मंडल द्वारा विशेष रूप से कपड़े की राखी तैयार की गई है, जो काफी लुभावनी एवं आकर्षक है. उसमें स्माइली राखी, इमोजी राखी, भैया-भाभी राखी, रुद्राक्ष राखी, चाकलेट राखी आदि प्रमुख हैं. हस्तनिर्मित राखियों की कीमत 10 से 280 रु तक है. वहीं हजारीबाग जिले के इचाक प्रखण्ड की कुटुमसुकरी गांव की राधा सखी मंडल की ललिता देवी कहती हैं- राखियां बनाने में उन्हें 16-17 रुपये की लागत लगी है और 20-25 रुपये में राखी बिक्री कर अच्छी आमदनी कर लेंगी. आगे यह राखियां बड़े पैमाने पर बनाकर बेचना चाहती हूं. बोकारो जिला के चास प्रखण्ड के बांसगोड़ा पूर्वी आजीविका महिला संकुल संगठन की 15 महिलाएं राखी बनाने का काम कर रही हैं. इन 15 सखी मंडल की दीदियों द्वारा अब तक 8000 राखियां बनाई गई है, जिन्हें पलाश मार्ट के द्वारा बिक्री की जा रही है.

रांची के पलाश मार्ट में उपलब्ध राखी

हेहल स्थित जेएसएलपीएस राज्य कार्यालय स्थित पलाश मार्ट में सखी मंडल की बहनों द्वारा निर्मित फैंसी राखियां बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. अच्छी कीमत पर फैन्सी एवं आकर्षक राखियों की खरीदारी यहां से की जा सकती है. जेएसएलपीएस की अपील है कि आपकी हर खरीदारी से राज्य की ग्रामीण महिलाओं के हौसलों को पंख मिलेगी साथ ही उनकी आमदनी में इजाफा होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें