शनिवार को निर्वाचन आयोग की तरफ से जेडीयू को बड़ी खुशखबरी मिली है. पार्टी को बिहार और अरुणाचल प्रदेश के बाद मणिपुर में भी राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त हो गया है. भारतीय निर्वाचन आयोग ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है. मणिपुर विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने राज्य में छह सीट जीतकर बेहतर प्रदर्शन किया था. पार्टी को राज्य में कुल मतदान का 10.70 प्रतिशत वोट मिला था. इसके बाद से राज्य पार्टी बनने के लिए जेडीयू का वादा मजबूत माना जा रहा था. जेडीयू को राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त होने से समझा जा रहा है कि मणिपुर में उसकी पकड़ मजबूत होगी.
प्रक्रिया के तहत निर्वाचन आयोग ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि बिहार और अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू को राज्य स्तरीय दल का दर्जा पहले से ही हासिल है. चुनाव चिह्न ‘तीर’ है. इलेक्शन सिंबल्स (रिजर्वेशन एंड एलॉटमेंट) आदेश 1968 के प्रावधानों के आलोक में जेडीयू को चुनाव आयोग ने यह दर्जा दिया है. बिहार, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर अब तीन राज्यों में मान्यता प्राप्त पार्टी जेडीयू हो गई है.
गौरतलब है कि अरूणाचल प्रदेश में वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया था. वहां पार्टी ने सात सीटों पर कब्जा जमाया था. इस चुनाव में पार्टी को कुल मतदान का 9.88 प्रतिशत शीट मिला था. हालांकि वहां बाद में पार्टी में फूट हुई. इसके बाद पार्टी के छह विधायक ने बीजेपी का हाथ थाम लिया. वहीं बिहार विधानसभा में 2020 में पार्टी का बेहतरीन प्रदर्शन रहा. पार्टी ने 43 सीटों पर कब्जा जमाकर कुल मतदान का 16 प्रतिशत वोट पाया था.
नागालैंड में होने वाले चुनाव की तैयारी में भी जेडीयू लगी हुई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पहले बता चुके हैं कि पार्टी नागालैंग में बिना गठबंधन के अकेले चुनाव लड़ेगी. यहां 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने एक सीट जीता था. इसमें पार्टी ने कुल मतदान के 5.6 प्रतिशत वोट प्राप्त किया था. अगर इस बार जेडीयू यहां अच्छा प्रदर्शन करती है तो भविष्य में चार राज्यों में पार्टी को मान्यता मिल जाएगी. ऐसे में पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा.