समस्तीपुर जिला अंतर्गत कल्याणपुर प्रखंड पोषण क्षेत्र में अवैध नर्सिंग होम्स की भरमार है. यहां आए दिन मरीज अवैध अस्पताल की सूली चढ़ रहे हैं. मगर प्रशासन सुस्त पड़ी हुई है. वही आशा बहू के विषय में क्या कहा जाए तो कमीशन के कारण ना जाने कितने गरीब मासूम इनके चंगुल में फंसकर अपनी जान गंवा रहे हैं. ताजा मामला लदौरा पंचायत से प्रकाश में आया है जहां किशोरी सहनी की 23 वर्षीय गर्भवती पुत्री मीता देवी आशा कार्यकर्ता आशा देवी और अवैध नर्सिंग होम सेवा सदन एवं चाइल्ड केयर कल्याणपुर में बलि की भेंट चढ़ी है.
ग्रामीणों का कहना है कि गर्भवती मीता देवी 3 अगस्त को बकरी चरा रही थी कि इसी दौरान आशा बहू मृतक को आकर बोली कि आपको अल्ट्रासाउंड के लिए चलना है और लेकर उसे कल्याणपुर स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम सेवा सदन एवं चाइल्ड केयर में लाकर इलाज करवाने लगी जहां की डॉक्टरों ने उसे कमजोरी और खून की कमी का हवाला देते हुए खून चढ़ाने की बात कहने लगे इसी दरम्यान उसे कई तरह का सुई और दवा दिया गया. जिस कारण उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई और मध्य रात्रि उसकी मृत्यु हो गई.
महिला की मृत्य से आक्रोशित ग्रामीणों ने आज गुरुवार को कई घंटों तक कल्याणपुर-पूसा मुख्य मार्ग को लदौरा चौक पर जाम कर दिया. जिस कारण राहगीरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. कई स्थानीय नेताओं ने वरीय पदाधिकारियों से जांच की मांग की है कि अवैध नर्सिंग होमों और आशा बहुओं पर नकेल कसी जाए नहीं तो आए दिन गरीब घर की महिलाएं, बच्चे और बूढ़े बुजुर्ग बलि की भेंट चढ़ते रहेंगे.
सूचना मिलने पर स्थानीय थाना और प्रशासनिक अधिकारी दल बल के साथ जाम स्थल पर पहुंचे तथा स्थानीय लोगों और परिजनों को समझा-बुझाकर जाम स्थल को सुचारु रूप से चालू करवाया. अब सवाल यह उठता है कि इसका दोषी कौन है. क्या जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी को अवैध नर्सिंग होमों के बारे में कोई ज्ञान नहीं है.
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आए दिन अवैध नर्सिंग होमों के बारे में खबर आती रहती है लेकिन जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी कान में तेल लेकर क्यों सोए रहते है. वहीं स्थानीय विभिन्न दलों के नेताओं के द्वारा बताया गया कि इन अवैध नर्सिंग होमों पर आवाज उठाने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. इस संदर्भ में जिलाधिकारी को चाहिए कि शिघ्रा अतिशिघ्र उचित सम्मत कार्रवाई करते हुए अवैध नर्सिंग होमों पर कार्रवाई की जाए ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाओं का सामना ना करना पड़े.
रिपोर्ट- नवीन कुमार वर्मा