पटना. राजीवनगर व नेपाली नगर में आवास बोर्ड की जमीन अवैध तरीके से बेचनेवाले भू-माफियाओं की संपत्ति की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने डीएम और आवास बोर्ड से जमीन से जुड़े दस्तावेज और कब-कब क्या-क्या कार्रवाई की गयी, इसका ब्योरा मांगा है. हाइकोर्ट की सख्ती के बाद अब यह माना जा रहा है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी और हर अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की जायेगी.
सूत्रों के अनुसार जमीन की अवैध रूप से बिक्री, मकान बनने में जिला प्रशासन, थाना पुलिस और आवास बोर्ड के अधिकारियों- कर्मचारियों की भूमिका को भी केंद्र में रखकर इओयू जांच शुरू कर रहा है. अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए बवाल के बाद डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने छह गृह निर्माण समितियों के संचालकों-पदाधिकारियों की संपत्तियों की जांच और उनकी आय के स्रोत की जांच के लिए इओयू को पत्र लिखा था.
इसी के आधार पर इओयू ने आठ सदस्यीय टीम बनायी है. एसपी सुशील कुमार इसके प्रभारी हैं. आवास बोर्ड के भू-संपदा पदाधिकारी अजीत कुमार सिंह और पटना सदर के सीओ जितेंद्र पांडेय के अलावा जिला पुलिस के भी दो अफसरों की भी मदद ली जा रही है. सूत्रों का दावा है कि हाइकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए प्रशासन जल्द-से- जल्द जांच कर उन अफसरों को भी चिह्नित कर कार्रवाई करना चाहता है, ताकि कोर्ट में जवाब दाखिल हो सके.
विवादित जमीन का आकार क्या है. कब्जे वाली जमीन कौन-सी है. भू-माफिया कौन हैं. कब- कब एफआइआर हुई. थाना पुलिस की जांच कहां हैं. भू-माफिया और उनकी मदद करने वालों के परिजन और नाते रिश्तेदारों के बैंक खातों को भी खंगालने की तैयारी हैं.