Dollar vs Rupees: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 53 पैसे उछलकर एक माह के उच्च स्तर 78.53 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. पिछले 11 महीनों में रुपये में एक दिन के कारोबार में 53 पैसे की सर्वाधिक तेजी देखने को मिली. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट तथा पूंजी बाजार में विदेशी कोषों के सतत निवेश से रुपया मजबूत हुआ. रुपया पिछले महीने 80.06 के निचले स्तर तक गिर गया था. उसके बाद से पिछले चार सत्रों में एक अच्छा सुधार हुआ है. इसका कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों का फिर से पूंजी बाजार में लौटना और कच्चे तेल की कीमतों का 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आना है.
मजबूत हुआ रुपया: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर बढ़ाने के मामले में नरम रुख अपनाने के संकेत से जोखिम लेने की धारणा में सुधार हुआ और इससे रुपये की धारणा मजबूत हुई है. मंगलवार तक बीते चार दिनों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 138 पैसे या 1.73 प्रतिशत मजबूत हुआ है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूती के साथ 78.96 के स्तर पर खुला. कारोबार के दौरान एक समय रुपया 78.49 के उच्चस्तर और 78.96 के निचले स्तर पर भी रहा. लेकिन कारोबार के अंत में रुपया 53 पैसे की तेजी के साथ 78.53 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
कच्चे तेल की कीमत गिरने से चढ़ा रुपया: इससे पूर्व 27 जून को रुपया इस स्तर के आसपास बंद हुआ था. एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक विभाग के उपाध्यक्ष, जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘डॉलर सूचकांक की कमजोरी और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीए) में कच्चे तेल की कीमतें 95 अमेरिकी डॉलर से नीचे गिरने से रुपया 78.50 के ऊपर मजबूती से चढ़ा. रुपये की सीमा 78.45 से 78.85 के बीच देखी जा सकती है.” इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोमवार को रुपया 79.06 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था.
825 करोड़ रुपये के शेयर की बिकवाली: इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत बढ़कर 105.55 हो गया. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.38 प्रतिशत गिरकर 99.65 डॉलर प्रति बैरल रह गया. विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय बाजार में लिवाल रहे. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 825 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
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