पति और पत्नी अग्नि को साक्षी मानकर जिंदगी भर साथ निभाने का वचन लेते हैं लेकिन किशनगंज में एक पत्नी ने इस पवित्र रिश्ते को कलंकित करने का काम किया है. पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से एमजीएम कर्मी पप्पू हत्याकांड का खुलासा किया है जिसमें उसकी पत्नी और सगे भाई ने कॉन्टैक्ट किलर के माध्यम से हत्याकांड को अंजाम दिया था. पुलिस ने भाभी और देवर की इस साजिश का खुलासा करते हुए मृतक की पत्नी प्रीति गुप्ता,देवर राजू गुप्ता और शूटर सूरज को गिरफ्तार किया है. साथ ही अन्य शूटरों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
पुलिस ने बताया कि हत्याकांड के लिए नवगछिया के गोपालपुर से शूटर्स बुलाकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया जिसका खुलासा हत्याकांड में शामिल पप्पू की पत्नी पूजा गुप्ता, राजू गुप्ता और शूटर्स के मोबाइल सीडीआर रिकॉर्ड से हुआ है. वहीं हत्याकांड में शामिल अन्य शूटर्स की गिरफ्तारी के लिए गोपालपुर पुलिस और किशनगंज पुलिस छापेमारी कर रही है. पकड़े गए अपराधियों की निशानदेही पर हथियार, चाकू, लोहे का फाईटर एवं उनके पास से छह मोबाइल जब्त किया गया है.
26 जुलाई की देर रात ड्यूटी से लौटते समय एमजीएम अस्पताल में कार्यरत पलम्बर पप्पू गुप्ता को अज्ञात अपराधिकर्मियों ने गोली मारकर जख्मी कर दिया गया है. इसके बाद मृतक की पत्नी प्रीति कुमारी के फर्दबयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी किशनगंज ने एसडीपीओ किशनगंज के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया था. गठित एसआईटीय द्वारा तकनीकी अनुसंधान करते हुए घटना में शामिल अभियुक्तों की पहचान की गई तथा उनकी गिरफ्तारी नवगछिया जिला के विभिन्न थाना के सहयोग से तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने पहले मृतक के छोटे भाई राजुकुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर पूछताछ किया तो उन्होंने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए बताया कि उन्हें अपनी भाभी प्रीति कुमारी से पिछले तीन-चार वर्षो से प्रेम प्रसंग चल रहा था. इनकी बातचीत निरंतर मोबाइल के माध्यम से होती रहती थी तथा यह अकसर अपनी भाभी से मिलने के लिए किशनगंज आते जाते रहते थे. जिसकी जानकारी मृतक को होने के पश्चात वह विरोध करने लगे. प्रीति कुमारी एमजीएम अस्पताल में बीएससी नर्सिंग तीसरे साल की छात्रा थी.
पुलिस अनुसंधान में पता चला कि देवर और भाभी ने कई बार भागकर शादी करने की योजना बनाये परंतु सफल नहीं होने पर इन दोनों ने षड्यंत्र कर नवगछिया के अपराधियों को एक लाख रुपये में तय कर पप्पू को रास्ते से हटाने की योजना बनायी, जिसमें अग्रिम के तौरपर 20000 रुपये दिया गया बाकी रुपये काम होने के पश्चात देने की बात थी. योजना के अनुसार राजु गुप्ता ने एक भाई का स्कॉर्पियो नवगछिया से किया उक्त वाहन में चालक को छोड़कर पांच अपराधी जिसमें राजु गुप्ता, सुरणा कुमार पासवान के अतिरिक्त अन्य तीन अपराधी सवार थे. ये सभी लोग नवगछिया से कॉलटेक्स चौक किशनगंज पहुंचे. राजु गुप्ता ने प्रीति से पप्पू गुप्ता के अस्पताल से आने का समय, पहने हुए कपड़े की पूर्ण जानकारी लेकर अपराधियों को दी.