वोटर लिस्ट या निर्वाचक सूची से आधार को जोड़ने व प्रमाणीकरण करने का अभियान जिले में शुरू होगा. वोटर लिस्ट में आधार को जोड़ना स्वैच्छिक होगा. इसमें स्वेच्छा से लोग आधार को जोड़ें इसके लिए इस अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार करने का पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि इसके लिए प्रत्येक माह विशेष कैंप का आयोजन किया जायेगा. चार सितंबर को प्रथम कैंप आयोजित होगा. हर महीने कई कैंप होंगे. डीएम ने निर्वाचक सूची से आधार को जोड़ने का काम 31 मार्च 2023 तक पूरा करने का निर्देश दिया है. डीएम ने कहा है कि आधार संग्रहण का प्रमुख उद्देश्य निर्वाचक सूची में पंजीकृत निर्वाचकों की पहचान को सुनिश्चित करना व प्रमाणीकरण करना है. इसमें वैसे निर्वाचकों को भी चिह्नित किया जायेगा, जिनका नाम एक ही विधान सभा में दो बार पंजीकृत हो या एक से अधिक विधान सभा में पंजीकृत है. किसी भी निर्वाचक द्वारा अपने आधार से संबंधित जानकारी स्वैच्छिक रूप से उपलब्ध करायी जायेगी व निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी पूरी तरह से सुनिश्चित करेंगे कि आधार नहीं उपलब्ध कराये जाने के कारण निर्वाचक सूची से किसी भी निर्वाचक का नाम गायब नहीं हो.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि मतदाता वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए ऑनलाइन नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल या वोटर पोर्टल पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। एक अप्रैल तक सभी मतदाताओं को वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पूरे बिहार में 9 बार कैंप लगाए जाएंगे। वहीं जिन लोगों को वोटर आईडी कार्ड में फोटो पुराना है या खराब हो चुका है ऐसे सभी लोगों का कलर फोटो अपडेट किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पहले नया वोटर आईडी साल में सिर्फ एक बार बनता था। पहले जिन लोगों की उम्र 1 जनवरी को 18 साल हो जाती थी वे ही वोटर आईडी कार्य के लिए आवेदन कर पाते थे लेकि नई व्यवस्था के तहत अब युवा वोटर साल में चार बार मतदाता पहचान पत्र के लिए अप्लाई कर सकेंगे। ऐसे में अब युवा वोटरों को 1 जनवरी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हर तीन महीना के पर 17 साल के युवा जिनकी उम्र 18 साल होने वाली है वे वोटर आईडी कार्य के लिए अप्लाई कर सकेंगे।