पटना. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी ताजा रिपोर्ट जारी कर दी है. रिपोर्ट के अनुसार देश में क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का करीब 91 प्रतिशत पैसा महज पांच क्षेत्रीय दलों के खाते में गया है. यह राशि करीब 113.791 करोड़ के आसपास है. बिहार में सत्तारूढ जदयू को सबसे अधिक चंदा मिला है.
एडीआर की ओर से तैयार की गयी इस ताजा रिपोर्ट वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के चुनाव आयोग के समक्ष क्षेत्रीय दलों की ओर से घोषित चंदे पर केंद्रित है. घोषित चंदे के मामले में शीर्ष पांच क्षेत्रीय दल जनता दल यूनाइटेड , द्रविड़ मुनेत्र कषगम, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख हैं.
रिपोर्ट के तहत क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे यानी 113.791 करोड़ रुपये महज पांच पार्टियों के खजाने में गया है. जदयू, द्रमुक और टीआरएस ने अपने चंदे में वृद्धि की घोषणा की है, वहीं आप और आईयूएमएल ने वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चंदे में कमी की जानकारी दी है. द्रमुक, टीआरएस, जदयू और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच चंदे से अपनी आय में अधिकतम प्रतिशत वृद्धि देखी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट में शामिल 54 क्षेत्रीय दलों में से केवल छह ने निर्धारित समय अवधि के भीतर निर्वाचन आयोग को अपनी दान रिपोर्ट जमा की. पच्चीस अन्य दलों ने अपनी प्रस्तुति देने में तीन से 164 दिन तक की देरी की. 27 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे की कुल राशि 3,051 चंदे से 124.53 करोड़ रुपये थी. इसमें 20,000 रुपये से ज्यादा और कम दोनों रकम शामिल हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए झामुमो, एनडीपीपी, डीएमडीके और आरएलटीपी द्वारा चंदा मिलने की कोई जानकारी नहीं दी गयी है.
रिपोर्ट के अनुसार प्राप्त चंदे के मामले में, जद (यू) 330 दान से 60.155 करोड़ रुपये के साथ शीर्ष स्थान पर है, उसके बाद द्रमुक है जिसे 177 दान से 33.993 करोड़ रुपये मिले हैं. आप ने चंदे से 11.328 करोड़ रुपये प्राप्त करने की घोषणा की. आईयूएमएल और टीआरएस ने क्रमशः 4.165 करोड़ रुपये और 4.15 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है.