रांची : कांग्रेस के अंदर पिछले कई महीने से सबकुछ ठीक चल रहा था. कांग्रेस आलाकमान विधायकों की गतिविधियों को लेकर सतर्क था. विधानसभा सत्र के दौरान ही प्रभारी अविनाश पांडेय रांची पहुंचे थे. सारे विधायकों से वन-टू-वन बातचीत की. राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर वह माहौल टटोल रहे थे. 28 जुलाई की शाम प्रभारी ने विधायकों से बात की थी.
ये तीनों विधायक भी मौजूद थे. 29 जुलाई को सत्र में शामिल हुए. अगले दिन कोलकाता का रास्ता पकड़ लिया. 30 जुलाई को कुछ विधायकों के राजधानी व क्षेत्र से बाहर रहने की सूचना पार्टी नेताओं को मिल गयी थी. इसके बाद इरफान अंसारी, राजेश कच्छप, उमाशंकर अकेला, नमन विक्सल कोंगाड़ी, अंबा प्रसाद सहित दूसरे विधायकों की खोज-खबर शुरू हुई.
कई विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा था. पार्टी को सूचना मिल गयी थी कि कुछ विधायक कोलकाता पहुंचे हैं. इरफान अंसारी और राजेश कच्छप का फोन नहीं लग रहा था. नमन विक्सल कोंगाड़ी से प्रदेश कांग्रेस के आला नेता की बात हुई. उन्होंने कहा कि कोलकाता में हूं, लेकिन यह नहीं बताया कि उनके साथ और कोई विधायक भी हैं.
पार्टी के प्रभारी उस दिन रांची में ही थे. उनको सूचना दे दी गयी कि विधायक कोलकाता पहुंचे हैं. इधर, शनिवार की देर शाम तीन विधायकों को कोलकाता के ग्रामीण इलाके में विशेष चेकिंग अभियान में खुफिया इनपुट पर कैश बरामदगी का मामला सामने आया. घटना से पहले ही प्रभारी दिल्ली जा चुके थे. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पूरे मामले की जानकारी उन्हें फोन पर दी. प्रभारी श्री पांडेय ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पूरी जानकारी दी. मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी तक पहुंचा. कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व ने बिना देर किये रविवार को तीनों विधायकों को निष्कासित करने का फरमान जारी कर दिया. पार्टी ने पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई की.