Jharkhand news: पूर्वी सिंहभूम जिला में एक अगस्त से ग्रामीण क्षेत्र की जमीन और मकान की दर बढ़ेगी. तय नियम के मुताबिक, 10 प्रतिशत न्यूतम कीमत बढ़ाया जाना प्रस्तावित था, पर बहरागोड़ा के धुरिया, पठारी मौजा की जमीन की कीमत 18 से 19 फीसदी बढ़ा दी गयी है. रजिस्टार अशोक कुमार द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट पर डीसी विजया जाधव ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है.
सबसे महंगी और सस्ती जमीन
जिले में ग्रामीण क्षेत्र की सबसे महंगी जमीन जमशेदपुर अंचल की होगी. यहां की एक डिसमिल जमीन 42,372 रुपये की है. यह कृषि भूमि की दर है. शहर से सटे लुआबासा मौजा की जमीन की भी यही कीमत तय की गयी है. यहां पर आवासीय भूमि की दर 84,748 प्रति डिसमिल जबकि व्यावसायिक भूमि 1,27,123 रुपये प्रति डिसमिल होगी. जिले की सबसे सस्ती जमीन गुड़ाबांदा अंचल के गुड़ाबांदा मौजा की होगी. यहां प्रति डिसमिल जमीन 6570 रुपये मात्र है. यहां की सबसे महंगी व्यावसायिक भूमि भी 19,711 रुपये प्रति डिसमिल की होगी.
कृषि भूमि की तुलना में व्यावसायिक जमीन की दर तीन गुनी
जमीन की न्यूनतम दर का निर्धारण का फार्मूमला पुराना है. इसके तहत संबंधित मौजा की बिक्री जमीन (15 डिसमिल से क्षेत्रफल कम नहीं हो) के कुल मूल्य में कुल रकवा से भाग देंगे, जो भागफल होगा, वही उस मौजा की कृषि भूमि का औसत मूल्य होगा. उसका डेढ़ गुना औद्योगिक, दोगुना आवासीय और तीन गुना मूल्य व्यावसायिक भूमि का होगा.
पोटका की व्यावसायिक भूमि सबसे सस्ती
पोटका अंचल में कुछ मामलों को छोड़ दें, तो वहां की व्यावसायिक जमीन की दर 23 हजार प्रति डिसमिल तय की गयी है. इसके अधिक दर मात्र आधा दर्जन मौजा की है. इनमें माटकू, बिरधा, बड़ा सिगड़ी, कुलडीहा और गुड़भंगा आदि शामिल है.
शहरी क्षेत्र में जमीन और फ्लैट के दाम अगले साल बढ़ेंगे
शहरी क्षेत्र में खाली जमीन, फ्लैट और मकान के रेट में अगले साल बढ़ोतररी होगी. अभी इसका समय नहीं हुआ है. वर्तमान सरकारी न्यूनतम दर एक अगस्त, 2021 को लागू हुई थी. अब वर्ष 2023 में नयी दर लागू होगी. मालूम हो कि हर दो साल में ग्रामीण क्षेत्र की जमीन और फ्लैट की सरकारी दर में वृद्धि की जाती है. पूर्व में एक अगस्त 2020 को सरकारी दर में वृद्धि की गयी थी. दो साल पूरे होने के बाद नयी दर लागू की गयी है.
Posted By: Samir Ranjan.